Electoral Bond News: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक ऐतिहासिक फैसले में चुनावी बॉन्ड योजना (इलेक्टोरल बॉन्ड योजना) को ‘असंवैधानिक’ करार देते हुए उसे निरस्त कर दिया. इसके साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट ने चंदा देने वालों, बॉन्ड के मूल्यों और उनके प्राप्तकर्ताओं की जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. ADR (एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स) की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2018 से 2024 के बीच सियासी दलों को 15000 करोड़ रुपये से ज्यादा चंदा मिला. आइए आपको बताते हैं कि चुनावी बॉन्ड से अखिलेश यादव की नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी (सपा) और मायावती की अध्यक्षता वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को कितना चंदा मिला.
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सपा को मिला इतना चंदा
चुनाव आयोग को सौंपी गई पार्टियों की सालाना रिपोर्ट के अनुसार, साल 2021-22 में चुनावी बॉन्ड से समाजवादी पार्टी को 3.2 करोड़ रुपये मिले थे. वहीं, साल 2022-23 में चुनावी बॉन्ड से सपा को चंदा नहीं मिला.
बसपा को कितना मिला?
आपको बता दें कि साल 2022-23 में बहुजन समाज पार्टी को 20 हजार रुपये से ज्यादा कोई चंदा नहीं मिला.
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