UP CM Yogi Adityanath news: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के संगठन के बीच क्या सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है? ये सवाल इस वक्त यूपी की सियासत को मथ रहा है. इस सवाल को हवा देने का काम भी बीजेपी की ही टॉप लीडरशिप कर रही है. एक तरफ सीएम योगी आदित्यनाथ की यूपी में जोन वाइज समीक्षा बैठकें चल रही हैं, तो दूसरी तरफ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी अपनी बैठकें ले रहे हैं. विपक्ष इसे दोनों नेताओं के बीच की जोर-आजमाइश कह रहा है. बीजेपी की टॉप लीडरशिप खामोश है और एनडीए के संजय निषाद और ओम प्रकाश राजभर जैसे सहयोगी दल भी दोनों खेमों से मुलाकात कर सियासी संकेत दे रहे हैं. चर्चाएं यहां तक पहुंच गई हैं कि सीएम योगी आदित्यनाथ के भविष्य को लेकर भी बात होने लगी है. ऐसे में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी का एक बड़ा बयान सामने आया है.
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भूपेंद्र चौधरी ने अपनी तरफ से सारी अटकलें खत्म करने की पूरी कोशिश की है. राजस्थान के जयपुर में एक कार्यक्रम के दौरान भूपेंद्र चौधरी ने कहा, 'BJP एक लोकतांत्रिक दल है. सबको अपनी बात लोकतांत्रिक तरीके से रखने का अधिकार है. यूपी एक बहुत बड़ा राज्य है. हमलोग अनुशासन से आगे बढ़ रहे हैं. यूपी में परिणाम हमारी अपेक्षा के मुताबिक नहीं आए. आपस में बात करके हमलोग आगे बढ़ रहे हैं. खामियों को दूर करने की कोशिश की जा रही है. वोट प्रतिशत आज भी हमारा सबसे ज्यादा है.'
क्या यूपी में सीएम बदलने की चर्चा है?
इस दौरान पत्रकारों ने साफ पूछा कि इस वक्त यूपी में सीएम बदलने की चर्चा है. इस सवाल के जवाब पर भूपेंद्र चौधरी ने बिल्कुल साफ कहा कि ऐसी कोई चर्चा नहीं है. उन्होंने कहा कि विपक्ष ने निगेटिव एजेंडा चलाकर लोगों को गुमराह करने का काम किया है.
आपको बता दें कि पिछले दिनों भूपेंद्र चौधरी ने केंद्रीय नेतृत्व को यूपी में हुई हार के बाद अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. बाद में सूत्रों के हवाले से ये जानकारी सामने आई कि रिपोर्ट में सरकार से कार्यकर्ताओं की नाराजगी की बात को रेखांकित किया गया है. इसके अलावा संविदा वाली नौकरियों में आरक्षण का पालन नहीं करने से भी नुकसान होने की बात कही गई है.
इस रिपोर्ट और केशव प्रसाद मौर्य के संगठन सरकार से बड़ा है टाइप बयानों के बाद से ही यूपी में बीजेपी लीडरशिप को लेकर असमंजस के दौर शुरू हुए. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली में सीएम योगी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की दूसरे बड़े नेताओं से मुलाकातें क्या रंग दिखाती हैं.
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