समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर दिए गए विवादित बयान के बाद उत्तर प्रदेश में रामचरितमानस को लेकर लगातार विवाद बढ़ता जा रहा है. इसी बीच राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के दलित सदस्य कामेश्वर चौपाल (Kameshwar Chaupal) का रामचरितमानस को लेकर बड़ा बयान सामने आया है.
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कामेश्वर चौपाल ने रामचरितमानस विवाद पर बोलते हुए कहा, “तुलसीदास जी ने तो ये भी लिखा है कि सियाराम मय सब जग जानी…’ यानि इसमें शूद्र को अलग नहीं किया गया है. शूद्र क्या, हर जीव उसमें शामिल है. भारत का दर्शन है कि ‘कण-कण में शंकर’. अब कोई सूर्य के अस्तित्व को ही नकार दे तो क्या ही कहें.”
कामेश्वर चौपाल ने आगे कहा कि रामचरितमानस भी ऐसा ही है. अगर कोई इसको देख नहीं रहा है तो उसका दोष नहीं है. इसका अर्थ है कि इसको दिखाई नहीं पड़ रहा है. प्रभु श्रीराम की इच्छा अनुसार ही मुझें प्रभु ने अपने काम में उपयोग किया. राम के काम से बड़ा कोई काम नहीं है. मेरे लिए इस जीवन में इससे बड़ा कोई काम नहीं है.
‘ये मेरे लिए भावुक क्षण’
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के दलित सदस्य कामेश्वर चौपाल ने आगे कहा कि ये मेरे लिए बहुत भावुक क्षण है. जब मैं नेपाल के जनकपुर से बिहार की सीमा में आ रहा था तो मेरा कई बार कलेजा फट जाता था. मैं चुपचाप गाड़ी में बैठ जाता था. मैं उस समय अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, महंत अवैद्यनाथ जैसे महापुरुषों को याद कर रहा था.
कामेश्वर चौपाल ने आगे कहा, “मां सीता नेपाल-बिहार की बेटी हैं. वहां के लोगों की भावना उफान पर हैं. अगर हम तेजी के साथ गाड़ी लेकर वहां से नहीं निकलते तो वहां से निकल ही नहीं पाते.
आपको बता दें कि कामेश्वर चौपाल राम मंदिर ट्रस्ट के दलित सदस्य हैं. 1989 में रामजन्मभूमि आंदोलन में शिलादान में पहली कारसेवा भी उन्होंने ही की थी. वह आज शिला यात्रा का नेतृत्व भी कर रहे हैं.
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