बिहार सरकार के जातिगत जनगणना के आंकड़े से संतुष्ट नहीं ओम प्रकाश राजभर, कह दी ये बड़ी बात

विनय कुमार सिंह

• 03:41 PM • 03 Oct 2023

बिहार में जातिवार गणना सर्वेक्षण रिपोर्ट को लेकर यूपी में भी सियासत तेज हो गई है. यूपी में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष…

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बिहार में जातिवार गणना सर्वेक्षण रिपोर्ट को लेकर यूपी में भी सियासत तेज हो गई है. यूपी में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर, बिहार सरकार के जातिवार गणना सर्वेक्षण रिपोर्ट पर संतुष्ट नहीं नजर आ रहे हैं. ओमप्रकाश राजभर ने बिहार सरकार द्वारा जारी आंकड़ों को फर्जी बताया और कहा कि अति पिछड़ों की मुख्य 6 जातियों के आंकड़े फर्जी हैं. बिहार सरकार ने 36 फीसदी वाले अति पिछड़ों के साथ न्याय नहीं किया है.

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उन्होंने आगे कहा,

“अति पिछड़ों के जो आंकड़े बिहार में दर्शाए गए हैं, उससे अधिक ओम प्रकाश की रैलियों में अति पिछड़े लोग आते हैं, लेकिन उनके आंकड़े फर्जी हैं. गलत आंकड़ा बताया गया है. बिहार में 40 संसद सीट हैं और प्रत्येक में राजभर डेढ़ से दो लाख के आसपास हैं और जो सरकार का आंकड़ा आया, जिसमें मुस्लिमों का आंकड़ा सही आ गया. यादव का आंकड़ा सही आ गया. पटेल का दिख रहा है और इन वोट को जोड़कर बता रहे हैं कि हम बिहार में जीत जाएंगे.”

बिहार में जातिवार गणना के सर्वे रिपोर्ट को लेकर अखिलेश यादव के बयान पर ओम प्रकाश राजभर ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा,

“पहले अपने गिरेहबान में झांक कर देखना चाहिए कि मुख्यमंत्री रहते नीतीश जी ने जातिगत जगणना करवा दी, जिसकी वो सराहना कर रहे हैं. 5 साल अखिलेश यादव भी मुख्यमंत्री थे. उन्होंने क्यों नहीं कराई जातिगत जनगणना? जब सपा कांग्रेस के साथ थी, उस दौरान सपा के ही रक्षा मंत्री केंद्र में थे, उस वक्त उनको नहीं याद आया. जब सपा में ओमप्रकाश राजभर गया था तब उनको जातीय जनगणना समझ में आई.”

वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने वोटर्स और समर्थकों को एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों से दूरी बनाने की बात वाले बयान पर ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि मुझे देश के इन नेताओं के बयान पर हंसी आती है कि साल 1989 में माननीय मुलायम सिंह मुख्यमंत्री बने और भारतीय जनता पार्टी ने अपना समर्थन दिया था. शायद लोग भूल गए होंगे, लेकिन ओमप्रकाश राजभर नहीं भुला है.

उन्होंने कहा, “मायावती को तीन बार भारतीय जनता पार्टी ने समर्थन देकर मुख्यमंत्री बनाया, लेकिन वह भूल गईं. यही भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से ममता दीदी यानी तृणमूल कांग्रेस पार्टी रेल मंत्री बनीं, यही नीतीश जी भारतीय जनता पार्टी से समझौता कर रेल मंत्री बनें. महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से मंत्री बनें. कहां कौन अछूता है… सब लोगों मलाई काट चुके हैं. यह सभी लोग झूठ बोलते हैं. बीजेपी का भय दिखाकर मुसलमान का वोट लेते हैं और मुसलमान को देते क्या है, केवल नफरत.”

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