उत्तर प्रदेश में रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव (Rampur-Azamgarh By-election) के नतीजे समाजवादी पार्टी (SP) के पक्ष में नहीं रहे. सपा का ‘किला’ कहे जाने वाले रामपुर और आजमगढ़ में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा और दोनों ही जगह भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने ‘भगवा लहराया.’ रामपुर में घनश्याम लोधी, तो आजमगढ़ में दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ की जीत हुई.
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अब यूपी लोकसभा उपचुनाव के नतीजों के बाद से सपा गठबंधन में हलचल तेज हो गई. सपा की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभापसा) के मुखिया ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को एसी कमरे से बाहर निकल जनता के बीच जाने की सलाह दी है. सपा की दूसरी सहयोगी पार्टी अपना दल (कमेरावादी) की नेता और सिराथू विधायक पल्लवी पटेल (Pallavi Patel) ने कहा है कि ‘विपक्ष को एसी के कमरों से निकलकर एकजुट होना चाहिए.’ वहीं, जनवादी पार्टी के अध्यक्ष संजय चौहान ने भी अखिलेश यादव को कड़े शब्दों में सलाह दी है.
यूपी तक से खास बातचीत में सुभापसा मुखिया ने कहा,
“कुछ दिन पहले भी मैंने इस बात को कहा था कि अखिलेश जी को एसी से बाहर निकलना चाहिए और अपने लोगों को लेकर धरातल पर संगठन को मजबूत करना चाहिए. एसी से न निकलना उनके लिए खतरनाक है. उनके लोग मायूस हैं. अपने नेताओं के साथ काम करने का जो आनंद धरातल में है, वो एसी में बैठकर नहीं मिलेगा.”
ओम प्रकाश राजभार
राजभर ने कहा, “जब तक हम अखिलेश यादव जी को एसी से बाहर नहीं निकाल लेंगे, तब तक हमें चैन नहीं है.”
‘आपकी जो ये बेबाक बातें हैं, वहां पर चुभती होंगी?’ इसपर सुभापसा के मुखिया ने कहा, “तो चुभें, देखिए सच कड़वा होता है. जो सच को स्वीकार कर लेगा वो आगे निकल जाएगा, जिसको सच बुरा लगेगा वो फेल हो जाएगा.”
विपक्ष को एसी के कमरों से निकलकर एकजुट होना चाहिए: पटेल
आपको बता दें कि वाराणसी में यूपी तक से बातचीत में सिराथू विधायक पल्लवी पटेल ने ओम प्रकाश राजभर के बयान पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है, “यह उनकी व्यक्तिगत राय हो सकती है, लेकिन मेरा ऐसा मानना है कि सारे विपक्ष को एसी के कमरों से निकलकर एकजुट होना चाहिए.”
उपचुनाव के नतीजों पर सपा की सहयोगी जनवादी पार्टी के मुखिया संजय चौहान ने भी अपनी प्रतिक्रिया सामने रखी है. उन्होंने कहा है,
“उपचुनाव को लेकर अखिलेश की कोई प्लानिंग नहीं थी, ना कोई बैठक की, जबकि बीजेपी की लगातार दलों के साथ बैठके हुईं. अखिलेश अगर आजमगढ़ होते तो वोटों में बिखराव रुका होता, वोट बंटा ना होता. अखिलेश जब निकलेंगे तभी पार्टी का कुनबा सड़क पर निकलेगा. सपा की शैली ऐसी हो गई है कि कहीं गए और फेसबुक पर फोटो खिंचा कर डाल दी. सपा का कैडर दूसरे लोगों को जोड़ने वाला नहीं रह गया है. अगर अखिलेश अब नहीं निकले, तो 2024 लोकसभा चुनाव में भी यही हाल होगा, बीजेपी को टक्कर देने वाला कोई नहीं होगा.”
संजय चौहान
(विनय कुमार सिंह, रोशन जायसवाल और समर्थ श्रीवास्तव के इनपुट्स के साथ)
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