उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी (एसपी) चीफ अखिलेश यादव लगातार ‘नाम बदलने की सियासत’ को लेकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साध रहे हैं. इसकी एक झलक अखिलेश की सोमवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी दिखी.
ADVERTISEMENT
दरअसल एसपी चीफ ने चीन की ओर से अरुणाचल प्रदेश के कुछ गांवों के नाम कथित रूप से बदले जाने की खबर का जिक्र करते हुए कहा, ‘जो हमारा पड़ोसी देश है, वह हमारे मुख्यमंत्री जी से कुछ सीख गया है. उसने गांव के नाम बदल दिए. यह काम तो हमारे मुख्यमंत्री जी किया करते हैं लेकिन चीन ने भी उनसे सीख लिया.”
ऐसे में एक धारणा हो सकती है कि योगी सरकार नाम बदलने की होड़ में आगे है. मगर क्या तथ्यात्मक तौर पर यह धारणा सही है? हमने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के जरिए यह जानने की कोशिश की. पिछले दस सालों में कितने कस्बों, शहरों और जिलों के नाम बदले गए हैं, यह जानने के लिए इंडिया टुडे ने उत्तर प्रदेश सरकार के राजस्व बोर्ड से जानकारी मांगी.
इसके जवाब में राजस्व बोर्ड ने बताया कि कस्बों और शहरों के नाम बदलने का मामला उसके दायरे में नहीं आता है, उसके पास सिर्फ जिलों के नाम बदले जाने की जानकारी है.
उसके मुताबिक, पिछले 10 साल में 11 जिलों के नाम बदले गए हैं. उसने एक लिस्ट मुहैया कराई है, जिसमें इन जिलों के पुराने और नए दोनों नाम हैं, साथ ही वो तारीखें भी हैं जिन पर नाम में बदलाव हुआ है.
इन 11 में से 9 नामों में बदलाव अखिलेश यादव की सरकार ने किए हैं. वहीं, योगी सरकार ने सिर्फ दो जिलों के नाम बदले हैं.
योगी सरकार में अक्टूबर 2018 में इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया गया और उसके बाद के महीने में फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया गया.
दिलचस्प बात यह है कि अखिलेश सरकार ने जुलाई 2012 में एक बार में 8 जिलों के नाम बदल दिए थे. इन जिलों में से कुछ का गठन मायावती सरकार में हुआ था और कुछ का बीएसपी सरकार ने नाम बदला था.
झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदला, सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन
ADVERTISEMENT