यूपी की राजनीति में कब क्या हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता. अब शिवपाल यादव और सीएम योगी आदित्यनाथ की नई-नई ‘जुगलबंदी’ को ही ले लीजिए. इस जुलगबंदी का एक संकेत यूपी विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई चर्चा के दौरान देखने को मिला, जहां शिवपाल यादव ने योगी की तारीफ की. अब इसका दूसरा संकेत देखने को मिला है और खुद शिवपाल कह रहे हैं कि वह सीएम योगी आदित्यनाथ से अभिभूत हैं.
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यह बात बकायदा शिवपाल यादव ने ट्वीट कर कही है. शिवपाल यादव ने सीएम योगी के संबोधन की एक क्लिपिंग को ट्वीट किया है. इसमें सीएम योगी को समाजवादी पार्टी पर तंज कसते हुए देखा जा सकता है. इस वीडियो क्लिप में सीएम योगी कह रहे हैं कि जब समाजवाद की बात होती थी, तो डॉक्टर लोहिया की चर्चा होती थी, जयप्रकाश जी की चर्चा होती थी, आज समाजवादी पार्टी में मुझे लगता है कि डॉक्टर लोहिया पर लेखनी मैं कभी-कभी सिर्फ शिवपाल जी की देखता हूं. उनका आर्टिकल देखने को मिलता है.’
असल में सीएम योगी यह बात सुनकर शिवपाल यादव इतने उत्साहित हुए कि उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘महान चिंतक व स्वतंत्रता सेनानी डा० रामममनोहर लोहिया के परिप्रेक्ष्य में नेता सदन का वक्तव्य स्वागत योग्य है. निश्चय ही अभिभूत हूं. लोहिया जी महान विभूति व वैश्विक चिंतक थे, उनकी तुलना किसी से नहीं की जा सकती है. हम सभी उनकी विरासत के ऋणी हैं व इसे आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’
विधानसभा में दोनों तरफ से चर्चा का केंद्र रहे शिवपाल
यूपी विधानसभा में पिछले दिन शिवपाल काफी चर्चा में रहे. पहले तो सीएम योगी ने सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान शिवपाल यादव को लेकर अखिलेश से इशारों-इशारों में कहा था, “आप पास-पास होकर भी साथ-साथ नहीं हैं, यही आपकी कमी है. हम साथ-साथ हैं और पास-पास भी हैं.” इसके बाद मौका देख अखिलेश ने कह दिया कि अभी तक वो मेरे चाचा थे लेकिन अब वो नेता सदन के भी चाचा हो गए हैं.
वहीं शिवपाल यादव भी सदन में बोलते वक्त योगी की तारीफ करते हुए उन्हें ‘ईमानदार’ और ‘मेहनती’ बताया.
अब अगर यह महज औपचारिक तारीफों का दौर है तब तो कोई बात नहीं लेकिन इसके पीछे अगर कोई राजनीति है तो यह अखिलेश के लिए टेंशन की बात है. असल में इस टेंशन को यूपी में आने वाले समय की राजनीति से जोड़कर देखा जा सकता है. यूपी में 10 जून को राज्यसभा चुनाव होने हैं. समाजवादी पार्टी गठबंधन से तीन नाम आगे किए गए हैं. कपिल सिब्बल, जयंत चौधरी और जावेद अली. ऐसे में सपा विधायकों की एकजुटता काफी मायने रखेगी और इसमें से एक विधायक शिवपाल यादव भी हैं.
इसके अलावा 20 जून को यूपी विधान परिषद की 13 सीटों पर भी चुनाव है. यहां भी विधायकों की एकजुटता जीत और हार के लिए अहम है. साथ ही, इसी महीने आजमगढ़ और रामपुर में लोकसभा के उपचुनाव होने हैं. ऐसे चुनावी घमासान के दौर में अगर शिवपाल यादव और योगी आदित्यनाथ की जुगलबंदी आगे बढ़ती है, तो यह निश्चित तौर पर अखिलेश यादव के लिए असहज करने वाली स्थिति होगी.
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