उत्तर प्रदेश के अमेठी में शनिवार को हिंदू और हिंदुत्ववादियों की अलग-अलग परिभाषा समझाते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, “हिंदू कभी रोता नहीं है, लेकिन हिंदुत्ववादी रोते हैं. नाथूराम गोडसे (हिंदुत्ववादी) को जब फांसी दी गई थी तो वह फफक-फफक कर रोया था. गांधी जी (हिंदू) को तीन गोलियां लगी थीं, रोये नहीं थे, हे राम बोला था. यह होता है हिंदू.”
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खुद को हिंदू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हिंदूवादी बताते हुए शनिवार को अमेठी में राहुल गांधी ने कहा,
“एक तरफ हिंदू है और दूसरी तरफ हिंदुत्ववादी. एक तरफ सत्य, प्रेम और अहिंसा है और दूसरी तरफ झूठ, नफरत और हिंसा. हिंदू सच्चाई की राह पर चलते हैं, नफरत नहीं फैलाते. वहीं, हिंदुत्ववादी नफरत फैलाते हैं और सत्ता छीनने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं.”
राहुल गांधी
कांग्रेस नेता ने कहा कि हिंदुत्ववादी महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे की विचारधारा के लोग हैं जो सत्ता के लिए नफरत और हिंसा फैलाते हैं, झूठ बोलते हैं. राहुल ने कहा कि मोहन दास करमचंद गांधी हिंदू थे, इसलिए उनको महात्मा गांधी कहा गया, लेकिन गोडसे को कभी महात्मा नहीं कहा जा सकता क्योंकि वह झूठ बोलता था, हिंसा और नफरत फैलाता था, और उसने हिंदू महात्मा गांधी के सीने में तीन गोलियां दागी थीं.
वाराणसी में हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गंगा स्नान पर कटाक्ष करते हुए और उन पर हिंदुत्ववादी होने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी ने कहा, ‘‘हिंदुत्ववादी अकेले गंगा स्नान करते हैं, लेकिन एक हिंदू करोड़ों लोगों के साथ स्नान करेगा.’’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा,
“मैंने पहली बार देखा कि एक आदमी गंगा में स्नान कर रहा है, बाकी सबको बाहर कर दिया, योगी जी (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ) को हटा दिया, राजनाथ सिंह को बाहर फेंक दिया. पूरी दुनिया ने देखा कि एक आदमी अकेला गंगा में स्नान कर रहा है.”
राहुल गांधी
बता दें कि अपने पूर्व संसदीय क्षेत्र अमेठी में बहन प्रियंका गांधी के साथ एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे राहुल गांधी ने जगदीशपुर से हरिमऊ गांव तक पदयात्रा निकाली. पदयात्रा से पहले उन्होंने कहा, ‘‘हिंदुत्ववादी सिर्फ झूठ की राजनीति करता है, उसका सच्चाई से कुछ लेना-देना नहीं होता. उसका काम झूठ का इस्तेमाल करना और झूठ का इस्तेमाल कर जनता से सत्ता छीनने का उपाय करना है.’’
‘भाजपा भगाओ- महंगाई हटाओ’ नारे के साथ कांग्रेस ने शनिवार को प्रतिज्ञा पदयात्रा निकाली, जिसमें बड़ी तादाद में लोग और पार्टी कार्यकर्ता शामिल हुए.
राहुल गांधी ने दावा किया, “गांधी जी ने कहा था हिंदू का रास्ता सत्याग्रह और हिंदुत्ववादी का रास्ता सत्ताग्रह. एक सच्चाई के लिए लड़ता है और सच्चाई की राह पर चलता है उसका नाम हिंदू है. दूसरा झूठ के रास्ते पर चलता है, हिंसा फैलाता है, नफरत फैलाता है, उसका नाम हिंदुत्ववादी है.”
स्मृति ईरानी के हाथों 2019 लोकसभा चुनाव में अमेठी सीट से हारने के बाद क्षेत्र में राहुल गांधी की सक्रियता कम हो गई थी, लेकिन उत्तर प्रदेश में आसन्न विधानसभा चुनाव के मद्देनजर शनिवार को वह फिर से यहां आए और पदयात्रा की.
इस दौरान उन्होंने कहा,
‘‘कुछ दिन पहले प्रियंका मेरे पास आई और कहा कि लखनऊ जाना है बैठक करनी है. मैंने बहन से कहा कि लखनऊ जाने से पहले मैं घर में अपने परिवार से बात करना चाहता हूं, और आज मैं यहां अपने परिवार का दिल से स्वागत करता हूं. आप मेरी बात सुनने आए, इसके लिए सबका दिल से धन्यवाद.’’
राहुल गांधी
अपनी हार की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी परिस्थितियां बनीं, इससे आप भी सीखें, हमने भी सीखा. आपने आदेश दिया, हमने स्वीकार किया. आज अगर हम यहां खड़े हैं तो इसलिए कि किसी भी स्थिति में हमारा रिश्ता नहीं टूट सकता.’’
राहुल ने कहा, “मैं 2004 में राजनीति में आया और पहला चुनाव यहीं से लड़ा. मैंने आपसे काम करना सीखा, आपने मुझे रास्ता दिखाया. बस एक बात कहना चाहता हूं कि झूठ और सच में आप फर्क पकड़िए और सच्चाई के साथ खड़े होइए.”
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, “आज की हालत आपको दिख रही है. देश के सामने दो सबसे बड़े सवाल हैं… बेरोजगारी और महंगाई, लेकिन इन सवालों का जवाब न मुख्यमंत्री देते हैं और न हीं प्रधानमंत्री.”
कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार और महंगाई पर जनता को जवाब नहीं दे रहे हैं, इसलिए ‘‘मैंने सोचा कि क्यों ना हम ही जवाब दे दें.’’
प्रधानमंत्री मोदी पर पूंजीपतियों के लिए काम करने का आरोप लगाते हुए व्यंग्यात्मक लहजे में राहुल ने कहा, “मोदी ने तीन काले कृषि कानून बनाए. पहले कहा कि ये किसानों के हित में हैं. हिन्दुस्तान के सभी किसान इसके खिलाफ खड़े हो गए तब, साल भर के आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं माफी मांगता हूं मुझसे गलती हो गई.”
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
राहुल-प्रियंका के अमेठी दौरे पर स्मृति ईरानी का तंज- ‘बाहर से लोगों को लाना पड़ा’
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