उत्तर प्रदेश में भाजपा के 8 राज्यसभा प्रत्याशियों ने मंगलवार को नामांकन किया. भाजपा की इस लिस्ट में नए चेहरों के साथ-साथ जातिगत समीकरण का भी पूरा तरीके से ध्यान रखा गया है, जिसमें अलग-अलग जातियों के नेताओं को उच्च सदन भेजने की तैयारी दिखती है.
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बीजेपी के सीनियर नेता और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को राज्यसभा का टिकट नहीं मिला है. नकवी का कार्यकाल जुलाई में समाप्त हो रहा है. ऐसे में उन्हें मंत्री पद छोड़ना पड़ सकता है. नकवी के यूपी से राज्सभा जाने की चर्चा जोरों पर थी जिस पर अब विराम लग गया है.
ऐसे में मुख्तार अब्बास नकवी के भविष्य को लेकर कहा जा रहा है कि रामपुर के लोकसभा उपचुनाव में भाजपा उन्हें उम्मीदवार बना सकती है. भाजपा ने उनका टिकट काट एक तरफ दलित नेता को मौका दिया है तो वहीं रामपुर में होने वाले लोकसभा उपचुनाव में भी मजबूती के साथ उतरने की तैयारी कर ली है.
नकवी रामपुर के रहने वाले हैं और आजम के गढ़ में उनके उतरने से मुकाबला रोचक हो सकता है. हालांकि, वो 6 महीने तक मंत्री पद पर बने रह सकते हैं. वहीं, यूपी से दूसरे मुस्लिम राज्यसभा सांसद जफर इस्लाम को भी बीजेपी की कैंडिडेट लिस्ट में जगह नहीं मिली है. इसके अलावा बीजेपी ने राज्यसभा भेजने के लिए अपने 8 उम्मीदवारों में से 2 महिलाओं का भी चुनाव किया है.
वहीं बीजेपी ने जातिगत समीकरणों के हिसाब से उम्मीदवार उतारे हैं, जो 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सटीक बैठती नजर आती है.
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पश्चिम यूपी के मेरठ से आने वाले और यूपी भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं डॉ लक्ष्मीकांत बाजपेई ब्राह्मण जाति से आते हैं. बाजपेई यूपी चुनाव में जॉइनिंग कमेटी के अध्यक्ष बनाए गए थे.
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गोरखपुर शहर से विधायक रहे डॉ. राधामोहन दास अग्रवाल सवर्ण वैश्य समाज से हैं. अग्रवाल ने सीएम योगी के चुनाव के लिए अपनी गोरखपुर सदर सीट छोड़ी थी.
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भाजपा में गुर्जर बिरादरी के शीर्ष नेता हैं सुरेन्द्र सिंह नागर. वह 2009 में गौतमबुद्ध नगर से सांसद और सपा से राज्यसभा सांसद रह चुके हैं. नोएडा से सांसद महेश शर्मा के बाद नागर क्षेत्र में पार्टी का दूसरा बड़ा चेहरा माने जाते हैं.
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उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष हैं बाबूराम निषाद. वह निषाद समुदाय से आते हैं, जो कि बीजेपी के प्रमुख ओबीसी सहयोगी जातियों में से एक है.
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यूपी भाजपा में महिला मोर्चा की अध्यक्ष रही हैं दर्शना सिंह. वह यूपी के चंदौली जिले से ठाकुर बिरादरी की नेता हैं.
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गोरखपुर के चौरी-चौरा से विधायक रही हैं संगीता यादव. वह ओबीसी बिरादरी से आती हैं और पार्टी ने राज्यसभा उम्मीदवारों में उन्हें पिछड़ा महिला चेहरे के तौर पर शामिल किया है.
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भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं डॉ के लक्ष्मण. वह पिछड़ा वर्ग से आते हैं. तेलंगाना के प्रदेशाध्यक्ष रहने के साथ-साथ पार्टी ने ओबीसी चेहरे के तौर पर उन्हें प्रोजेक्ट किया है.
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शाहजहांपुर से सांसद और पुवायां विधायक रहे हैं मिथलेश कुमार. वह दलित बिरादरी से आते हैं. आठ उमीदवारों में से एकमात्र दलित प्रत्याशी के रूप में मिथलेश ने अपना नामांकन किया है.
भाजपा के 8 राज्यसभा उम्मीदवारों के समीकरण के मुताबिक, इसमें 1 ब्राहमण, 1 दलित, 4 ओबीसी, 2 सवर्ण जाति के नेताओं को जगह दी गई है.
वहीं यूपी से सभी 11 राज्यसभा प्रत्याशियों का निर्विरोध निर्वाचित होना तय है. राज्यसभा के लिए नामांकन का समय बीतने के बाद यूपी से बीजेपी के 8 और सपा के 3 प्रत्याशियों का निर्विरोध निर्वाचित होना तय हो गया. हालांकि, 3 जून को नाम वापसी की तारीख के बाद इसकी औपचारिक घोषणा होगी.
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