लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर रालोद के एनडीए के साथ गठबंधन की चर्चाओं पर अब विराम लग गया है. दिल्ली में खुद रालोद चीफ जयंत चौधरी ने कहा कि उन्होंने एनडीए के साथ जाने का फैसला कर लिया है. वहीं, पार्टी के विधायकों की नाराजगी से जुड़े सवाल पर जयंत ने बड़ा जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि हमने अपने सारे विधायकों से बात कर लिया है, हमारे सभी विधायक और कार्यकर्ता हमारे साथ हैं.
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न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में जयंत चौधरी ने कहा, "मैंने अपनी पार्टी के सभी विधायकों और कार्यकर्ताओं से बात करने के बाद यह फैसला लिया. इस फैसले के पीछे कोई बड़ी प्लानिंग नहीं थी. हमें थोड़े समय में ही यह फैसला लेना पड़ा, परिस्थितियों के कारण फैसला लेना पड़ा. हम लोगों के लिए कुछ अच्छा करना चाहते हैं."
उन्होंने कहा कि 'चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न से नवाजा गया है. हम सभी खुश और प्रसन्न हैं. यह बहुत बड़ा सम्मान सिर्फ मेरे परिवार के लिए नहीं, देश के हर कोने के किसान और नौजवानों का सम्मान है.'
जयंत ने शनिवार को उनके दादा चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने पर मोदी सरकार की प्रशंसा की थी. चौधरी चरण सिंह को शुक्रवार को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा किए जाने के बाद जयंत ने कहा था, ‘‘दिल जीत लिया.’’
चौधरी चरण सिंह को यह सम्मान ऐसे समय में दिया गया है जब माना जा रहा है कि उनके पोते जयंत चौधरी के नेतृत्व वाली रालोद अप्रैल-मई में होने वाले आगामी लोकसभा चुनावों में गठबंधन के लिए भाजपा के साथ बातचीत कर रही थी.
भाजपा होगी मजबूत
बता दें कि रालोद चीफ जयंत के एनडीए में शामिल होने से इसका सीधा लाभ एनडीए नीत भाजपा को मिलेगा. रालोद की पश्चिम उत्तर प्रदेश में अच्छी पकड़ मानी जाती है. किसान और जाट वोट बैंक पर भी रालोद की मजबूत पकड़ है. ऐसे में जयंत के एनडीए आने से ये वोट बैंक भाजपा नीत एनडीए के खाते में चला जाएगा.
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