सहारनपुर: गुर्जर गौरव यात्रा में शामिल होने जा रहे सपा विधायक अतुल प्रधान को पुलिस ने हिरासत में लिया

दुष्यंत त्यागी

• 12:33 PM • 29 May 2023

सहारनपुर में आयोजित गुर्जर गौरव यात्रा में सोमवार को शामिल होने जा रहे समाजवादी पार्टी के विधायक अतुल प्रधान को बागपत पुलिस ने हिरासत में…

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सहारनपुर में आयोजित गुर्जर गौरव यात्रा में सोमवार को शामिल होने जा रहे समाजवादी पार्टी के विधायक अतुल प्रधान को बागपत पुलिस ने हिरासत में लिया. सीओ और इंस्पेक्टर ने अतुल प्रधान से सहारनपुर में ना जाने का आग्रह किया. लेकिन जब अतुल प्रधान जाने की जिद्द पर अड़ गए तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया.

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विधायक अतुल को हिरासत में लेने के दौरान उनके समर्थकों की पुलिस के साथ धक्का-मुक्की भी हुई. पुलिस ने अतुल प्रधान को जब सहारनपुर नहीं जाने दिया तो वह बागपत में ही दिल्ली सहारनपुर हाईवे पर धरने पर बैठ गए और सहारनपुर जाने की जिद्द करने लगे.

फिलहाल मौके पर भारी पुलिस बल मौजूद है. विधायक अतुल प्रधान ने बताया कि सहारनपुर में गुर्जर गोरव यात्रा का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें शामिल होने के लिए उन्हें और उनके समर्थकों को न्योता मिला था. उसी में शामिल होने वो सहारनपुर जा रहे थे. लेकिन जैसे ही वह बागपत पहुंचे तो सीओ और इंस्पेक्टर ने उन्हें दिल्ली सहारनपुर हाईवे पर रोक लिया और उनके साथ बदसलूकी भी की.

गुर्जर गौरव यात्रा की नहीं मिली इजाजत

29 मई को सहारनपुर के फंदपुरी गांव से गुर्जर गौरव यात्रा निकालने की तैयारी की गई है. मगर प्रशासन द्वारा इस यात्रा को निकालने की इजाजत नहीं दी गई. मिली जानकारी के मुताबिक, गुर्जर समाज अभी भी यात्रा निकालने की मांग पर अड़ा हुआ है. ऐसे में प्रशासन और समाज के बीच तनाव देखा जा रहा है.

गुर्जर समाज Vs राजपूत समाज

गौरतलब है कि सहारनपुर में सम्राट मिहिर भोज को लेकर एक बार फिर गुर्जर समाज और राजपूत समाज आमने-सामने आ गए हैं. एक तरफ गुर्जर समाज, सम्राट मिहिर भोज को अपना महापुरुष मानता है तो वहीं राजपूत समाज भी सम्राट मिहिर भोज को अपना महापुरुष मानता है.

राजपूत समाज ने दिया धरना

इस विवाद को देखते हुए राजपूत समाज के लोगों ने भी धरना दिया है. राजपूत समाज के लोगों ने धरना देते हुए कहा है कि ये मामला हाई कोर्ट में चल रहा है. गुर्जर समाज को कोर्ट में जाकर सबूत रखने चाहिए. राजपूत समाज का कहना है कि महापुरुष किसी एक जाति या समाज के नहीं होते वह सभी के होते हैं. इस दौरान राजपूत समाज की तरफ से कहा गया है कि गुर्जर समाज कोई भी यात्रा निकाले. मगर सम्राट मिहिर भोज का नाम उसमे शामिल न करें.

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