खतौली विधानसभा उपचुनाव (Khatauli By Election) के परिणाम आ चुके हैं. चुनाव परिणामों में भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) को करारा झटका लगा है. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और राष्ट्रीय लोक दल (Rashtriya Lok Dal) के उम्मीदवार मदन भैया ने भाजपा की प्रत्याशी राजकुमारी सैनी को करारी शिकस्त दी है. अब इस मामले में श्रीकांत त्यागी (Shrikant Tyagi) का बड़ा बयान सामने आया है. श्रीकांत त्यागी ने दावा किया है कि खतौली में भारतीय जनता पार्टी उनकी वजह से हारी है.
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बता दें कि महिला से बदसलूकी मामले में जेल काट चुके श्रीकांत त्यागी ने दावा किया है कि भाजपा की हार उनकी वजह से हुई है. उनका दावा है कि उनके द्वारा निकाली गई ट्रैक्टर रैली के बाद त्यागी समाज ने भाजपा को वोट नहीं दिया, जिस कारण भाजपा अपनी परंपरागत सीट हार गई.
समाज का हुआ मोह भंग
यूपी न्यूज़: श्रीकांत त्यागी ने यूपीतक से खास बातचीत करते हुए कहा कि खतौली सीट पर त्यागी समाज अपना अहम किरदार निभाता है. त्यागी समाज परंपरागत तौर से भाजपा का वोटर रहा है, लेकिन जिस तरह से समाज के साथ भाजपा ने व्यवहार किया है, उस से अब समाज का भाजपा से मोह भंग हो गया है. उन्होंने आगे कहा कि जिस त्यागी समाज को भाजपा अपना परंपरागत वोटर मानती थी उस त्यागी समाज ने आज खतौली उपचुनाव में भाजपा को हरवा दिया है.
त्यागी समाज के लोगों ने छोड़ी भाजपा
UP Politics: श्रीकांत त्यागी ने आगे कहा कि बड़ी संख्या में त्यागी समाज के भाजपा के कार्यकर्ताओं ने हमारे सम्मान में अपना पद तक छोड़ दिया. खतौली में त्यागी समाज के करीब 25 हजार मतदाता हैं. भाजपा के बूथ अध्यक्ष तक हमारे समाज के होते थे लेकिन अब सभी ने भाजपा का साथ छोड़ दिया है. श्रीकांत त्यागी ने कहा कि, आज त्यागी समाज के गांवों में भाजपा का बस्ता पकड़ने वाला भी कोई नहीं है.
श्रीकांत त्यागी ने दावा करते हुए बताया, “त्यागी समाज बाहुल्य नावला गांव में 4113 वोट पड़े, जिसमें से लोकदल को 3736 वोट मिले है. अकेले नावला गांव से इतनी बड़ी बढ़त लोकदल को मिली है. उन्होंने आगे बताया कि अगर प्रशासन की तानाशाही की वजह से वोट परसेंटेज कम नहीं होती तो बीजेपी 50 हजार वोट से हारती”
पश्चिम यूपी में 90 लाख हैं जनसंख्या
UP Political News: भाजपा के बुलावे पर श्रीकांत त्यागी क्या भाजपा में वापस जाएगे? इस सवाल पर श्रीकांत त्यागी ने कहा कि पश्चिम यूपी (West UP) में त्यागी समाज की जनसंख्या करीब 90 लाख है. इसके साथ ही पूर्वांचल में भी त्यागी समाज अच्छी संख्या में हैं. अगर भाजपा भाजपा हमारे समाज के लिए अपनी नीतियां सुधार ले तो आने वाले समय में इनकी कुछ सीट बच सकती हैं. अभी तो हमारे समाज ने गठबंधन को ही जितवाने का काम किया है.
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