केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल (Anupriya Patel) की मां और बहन ने प्रभावशाली ओबीसी नेता सोनेलाल पटेल की जयंती (Sone lal Patel Birth Anniversary) मनाने के लिए मांगी गई अनुमति को ‘‘रद्द’’ किए जाने पर शनिवार को अनुप्रिया की आलोचना की, जिससे पारिवारिक कलह एक बार फिर सामने आ गई.
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अपना दल (सोनेलाल) प्रमुख तथा केंद्रीय मंत्री के अनुप्रिया पटेल के साथ उनकी मां कृष्णा पटेल और बहन पल्लवी पटेल (Pallavi Patel) का कुर्मी नेता की विरासत के लिए अतीत में भी झगड़ा हुआ था. कृष्णा पटेल एवं पल्लवी पटेल अपना दल (कमेरावादी) की अगुवाई करती हैं.
पत्रकारों से बातचीत करते हुए कृष्णा पटेल ने कहा,
“पिता होने से पहले वह एक पति थे. उन पर पहला अधिकार मेरा है. वह मेरा अधिकार छीनने वाली कौन होती है. सोनेलाल पटेल को गुजरे 12 साल हो गए और तब से मुझे परेशान किया गया है.”
कृष्णा पटेल
अनुप्रिया पर तीखा हमला बोलते हुए कृष्णा पटेल ने आगे कहा, “वो परिवार में इतनी गंदगी फैला रही है. उसको शर्म नहीं आ रही बदतमीज को. मेरे सामने आ जाए, मैं उसको 2 चांटे लगाउंगी, मुंह तोड़ दूंगी नालायक का. होगी नेता, होगी मंत्री जिसके लिए. मंत्री और नेता मैंने अपनी कलम से बनाया है उसको. पहली बार विधायक मैंने जिताया है. दूसरी बार सांसद मैंने बनाया है. आज इसके दिमाग इतने खराब हो गए हैं. लोग कहते हैं ये आपके घर की लड़ाई है. घर की कोई लड़ाई नहीं है, यह लड़ाई वर्चस्व की है.”
आखिर क्या है विवाद की जड़?
विवाद की जड़ लखनऊ में इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान था, जहां अपना दल के दोनों गुट- कृष्णा पटेल की अगुवाई वाला अपना दल (कमेरावादी) और अनुप्रिया पटेल की अगुवाई वाला अपना दल (सोनेलाल) यह जयंती मनाना चाहते थे.
अपना दल (सोनेलाल) को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति मिली, जबकि दूसरे गुट को यहां कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं मिली. इससे आहत कृष्णा पटेल ने कहा, “आज जो हुआ वह अत्यंत दुखद और घृणित है. डॉक्टर सोनेलाल पटेल एक व्यक्ति विशेष से जुड़े व्यक्ति नहीं थे. वह पूरे राज्य के मसीहा थे.”
इस बीच, लखनऊ के पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर ने कहा कि पल्लवी पटेल की बहन अनुप्रिया ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में कार्यक्रम करने की अनुमति मांगी थी और उन्हें अनुमति दी गई, जबकि पल्लवी को अनुमति नहीं दी गई क्योंकि एक ही स्थान पर एक ही कार्यक्रम करने की अनुमति दो दलों को नहीं दी जा सकती.
उन्होंने कहा, “तब इन्होंने एक होटल में प्रेस कान्फ्रेंस की और इसके बाद वे आईजीपी की ओर बढ़े। जब उन्हें बताया गया कि वे वहां नहीं जा सकते, तो वे अड़े रहे जिसके बाद इन नेताओं (पल्लवी पटेल, कृष्णा पटेल और एसबीएसपी नेता ओपी राजभर) को पुलिस लाइंस ले जाया गया.”
सोनेलाल पटेल का सपना तभी पूरा होगा जब विधानसभा-लोकसभा में हमारी ताकत बढ़ेगी: अनुप्रिया
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