Uttar Pradesh By Election : उत्तर प्रदेश में आगामी उपचुनावों को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है. समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के गठबंधन के समीकरण नए मोड़ ले रहे हैं. हाल ही में अखिलेश यादव ने छह सीटों की घोषणा की है, जिसमें छुपा है कांग्रेस के लिए अहम संदेश.
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सपा ने बनाया ये प्लान
सूत्रों के मुताबिक सपा, आरएलडी के अलग होने से पहले साथ मिलकर खैर और मीरापुर की सीटें लड़ रही थी, लेकिन अब इन सीटों को कांग्रेस को सौंपने पर विचार कर रही है. गाजियाबाद सदर और मीरापुर सीट के लिए सपा कांग्रेस को तैयार करना चाहती है. हालांकि, दबाव बनने पर मीरापुर या खैर में से किसी एक सीट को ही कांग्रेस को देने की संभावना है. गठबंधन के तहत सपा खुद कुदंरकी की सीट पर चुनाव लड़ेगी. लेकिन सपा, आरएलडी की पूर्व में लड़ी गई सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ सकती है. गाजियाबाद सदर, जहां से 2024 में कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव लड़ा था, वहां अखिलेश चाहते हैं कि कांग्रेस विधानसभा चुनाव में उतरे.
कांग्रेस भी कर रही अपनी तैयारी
मीरापुर सीट पर, जहां चंदन चौहान आरएलडी से जीते थे, सपा को लगता है कि कांग्रेस के लिए यह सीट बेहतर सौदा हो सकती है. कांग्रेस पहले से ही खैर विधानसभा सीट पर अपनी निगाहें गड़ाए हुए है. कांग्रेस ने चारु केन को अपने पाले में खींचा है, जो दलित समुदाय से आती हैं, लेकिन जाट परिवार की बहू हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में चारु केन ने बसपा से 65,000 वोट हासिल किए थे. खैर विधानसभा जाट बहुल क्षेत्र है, लेकिन यह सुरक्षित सीट रही है. कांग्रेस का प्रयास है कि चारु केन के माध्यम से जाट और दलित समुदाय दोनों का समर्थन जुटाया जाए, जिससे सीट जीतने की संभावना बढ़ सके. सामाजिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने यह रणनीति अपनाई है.
इन सीटों पर घोषित हुए प्रत्याशी
बता दें कि समाजवादी पार्टी ने करहल से तेज प्रताप सिंह यादव, सीसामऊ से नसीम सोलंकी, फूलपुर से मुफ्तफा सिद्दीकी, मिल्कीपुर से अजीत प्रसाद, कटेहरी से शोभावती वर्मा और मझंवा से ज्योति बिंद को प्रत्याशी बनाया है. हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद यूपी में दस सीटों पर उपचुनाव की घोषणा का इंतजार है. ऐसी उम्मीद है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के साथ ही यूपी उपचुनाव संपन्न होंगे.
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