Uttar Pradesh News: 2019 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ने वाली शालिनी यादव सोमवार को बीजेपी में शामिल हो गईं. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की मौजूदगी में शालिनी यादव ने बीजेपी की सदस्यता ली. इस बीच यूपी Tak से खास बातचीत में शालिनी यादव ने बताया कि उन्होंने क्यों समाजवादी पार्टी छोड़ी और क्यों समाजवादी पार्टी लगातार चुनाव हार रही है.
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पीएम मोदी के खिलाफ लड़ा था चुनाव
शालिनी यादव ने कहा, ‘मैंने राजनीति की शुरुआत वाराणसी में कांग्रेस से निकाय चुनाव लड़कर की. कांग्रेस दूसरे नंबर पर थी. वही परफॉर्मेंस देखकर अखिलेश यादव ने मुझे समाजवादी पार्टी में आमंत्रित किया और मुझे प्रधानमंत्री जी के खिलाफ चुनाव लड़ने का मौका मिला. प्रधानमंत्री जी के खिलाफ चुनाव में भी समाजवादी पार्टी दूसरे नंबर पर रही. कांग्रेस के प्रत्याशी अजय राय कद्दावर नेता थे, उनकी जमानत जब्त हुई. मेरी परफॉर्मेंस को देखकर मुझे पार्टियों ने आमंत्रित किया और मैंने दोनों ही बार अपनी पार्टी को निराश नहीं किया.’
भाजपा में जाने के बाद कही ये बात
उन्होंने आगे कहा, ‘2014 के बाद से जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हुए हैं तब से काशी ने विकास की एक नई गाथा लिखी है. मैं काशी की जनता की सेवा के लिए जो काम करना चाहती थी उसको प्रधानमंत्री जी ने पूरा किया है. आज समाजवादी पार्टी में कर्मठ और संघर्षशील कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हो रही है. पार्टी में जो आम कार्यकर्ता हैं, जो किसी भी पार्टी की रीढ़ मानी जाती है, उसकी अनदेखी हो रही है. उसको अपमान सहना पड़ रहा है. अन्य लोग हावी हो गए हैं. समाजवादी पार्टी अब सुख सुविधा वाली संस्कृति के वशीभूत हो गई है.’
शालिनी यादव ने बताया, सपा क्यों हार रही चुनाव
शालिनी यादव ने कहा, ‘समाजवादी पार्टी सकारात्मक विपक्ष का जो रोल है, उस रोल को अदा ना करके जो अच्छे काम है, उसका भी विरोध करती रहती है. इन्हीं सब का परिणाम है कि हाल के चुनाव में समाजवादी पार्टी को शर्मनाक पराजय देखनी पड़ी. रही बात महिलाओं की, जो आधी आबादी कही जाती हैं, उनको भी उस पार्टी में उचित सम्मान नहीं मिल रहा है. यही वजह है कि आज वर्तमान समाजवादी पार्टी की कार्यशैली से असंतुष्ट होकर मैंने पार्टी छोड़ी.’
ओम प्रकाश राजभर को लेकर कही ये बात
शालिनी यादव से यूपी Tak ने ओम प्रकाश राजभर के एनडीए में आने और उनके दावों को लेकर भी सवाल पूछा. शालिनी यादव ने कहा, ‘पूर्वांचल के कुछ क्षेत्रों में ओमप्रकाश राजभर की पार्टी का प्रभाव जरूर है, लेकिन बनारस की राजनीति जल्दी किसी को स्वीकार नहीं करती है. वहां पर उनके बेटे तक चुनाव हार गए, तो जो दावा राजभर जी कर रहे हैं, उसमें क्या सच्चाई है, उसका असली आकलन तो आने वाले चुनाव में देखने को मिलेगा.’
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