आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती ने अल्पसंख्यकों को जुटाने लिए एक नया प्लान तैयार किया है. इसके तहत 403 विधानसभा क्षेत्रों में एक प्रभारी के साथ सह प्रभारी और बूथ अध्यक्ष के लिए अल्पसंख्यकों की नियुक्ति की गई है. जानकारी के मुताबिक, बीएसपी ने कोऑर्डिनेटर्स को निर्देश दिया है कि प्रत्येक जिले की विधानसभा में नियुक्त किए गए सभी अल्पसंख्यक प्रभारी और सह-प्रभारी के साथ बूथ प्रभारी पार्टी की नीतियों के बारे में लोगों को बताएं.
ADVERTISEMENT
बीएसपी प्रवक्ता ने बताया,
“बहुजन समाज पार्टी ‘बहुजन सुखाय, बहुजन हिताय’ के नारे पर चलती है. पार्टी अल्पसंख्यकों को भी जिम्मेदारी से आगे बढ़ा रही है. हर जिले में एक अल्पसंख्यक को प्रभारी, सह-प्रभारी और बूथ प्रभारी नियुक्त किया गया है. नियुक्त किए गए अल्पसंख्यक प्रभारी और सह-प्रभारी के साथ बूथ प्रभारी मुस्लिम समुदाय के बीच जाकर बहुजन समाज पार्टी की नीतियों के बारे में बताएंगे. वे ये भी बताएंगे कि किस तरीके से समाजवादी पार्टी और अन्य दलों ने मुसलमानों को सिर्फ वोट की राजनीति के लिए प्रयोग किया है.
मोहम्मद फैजान खान, बीएसपी के प्रवक्ता और को-ऑर्डिनेटर
आपको बता दें कि 2012 के विधानसभा चुनाव के बाद से बीएसपी का प्रदर्शन खासा अच्छा नहीं रहा है. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीएसपी का खाता नहीं खुला जबकि 2017 के विधानसभा चुनाव में सबसे निराशाजनक प्रदर्शन करते हुए पार्टी ने महज 19 सीटें ही जीती थीं. हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में एसपी से गठबंधन करने के बाद बीएसपी को 10 सीटें हासिल हुई थीं. ऐसे में बीएसपी के सियासी भविष्य के आगामी यूपी विधानसभा चुनाव काफी अहम है.
‘यादव टैग’ संग मायावती के वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश में अखिलेश, कितने होंगे कामयाब?
ADVERTISEMENT