यूपी की 18वीं विधानसभा के पहले सत्र की कार्यवाही के दौरान नेता प्रतिपक्ष और समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव के एक बयान पर सियासी बवाल मच गया है. बता दें कि बुधवार को सदन की कार्यवाही के दौरान अखिलेश यादव और प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच तीखी नोक-झोंक हुई.
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दरअसल, केशव मौर्य ने राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान अखिलेश यादव का जिक्र करते हुए कहा कि सदन में अपने भाषण के दौरान अखिलेश बतौर मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल में किए गए कामों का ‘गुणगान’ कर रहे थे, लेकिन ऐसा होता तो जनता चुनाव में सपा का सूपड़ा साफ नहीं करती.
उन्होंने अखिलेश यादव द्वारा सरकार की विभिन्न योजनाओं की शुरुआत सपा की पिछली सरकार के कार्यकाल में होने के दावों की तरफ इशारा करते हुए कहा, ”नेता प्रतिपक्ष अपने पांच साल के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाते थकते नहीं हैं. यह आपको कौन सा रोग है? अगर कोई रोग है तो मैं कहूंगा कि आप जांच करा लीजिए. निवेदन करूंगा कि नेता प्रतिपक्ष जहां से भी चाहें, ठीक से इलाज करा लें. हर योजना पर समाजवादी पार्टी का स्टिकर चस्पां करने के इस रोग से अब मुक्त हो जाइए. आप पांच साल बाहर रह चुके हैं. अब पांच और साल के लिए फिर बाहर हो गए हैं. आने वाले 25 साल तक आपका नंबर लगने वाला नहीं है.”
अभिभाषण पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष के संबोधन के बाद अपनी बात कहने खड़े हुए उपमुख्यमंत्री ने अखिलेश यादव से मुखातिब होते हुए कहा, “सड़क किसने बनाई है, एक्सप्रेस-वे किसने बनाया है, मेट्रो किसने बनाई है….जैसे लगता है कि आपने अपनी सैफई की जमीन बेचकर यह सब बनवा दिया है.” केशव मौर्य ने आगे कहा कि पिछली सरकार में सैफई के विकास के लिए पैसा कहां से लाते थे, क्या आपने विकास के लिए पैसा पिता जी से लाए थे?
इससे नाराज नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव खड़े हो गए और केशव मौर्य पर बेहद तल्ख टिप्पणी की. अखिलेश ने जवाब दिया कि हम नहीं लाए थे, क्या तुम लेकर आए थे. अखिलेश यादव के इस बयान पर अब बीजेपी नेताओं ने उन पर जमकर हमला बोला है.
यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि यह केवल सपा की संस्कृति है, जहां गुंडे, असामाजिक तत्व, माफिया और अपराधी मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि सपा प्रमुख ने अपना अनुचित व्यवहार दिखाया, जो सदन में सही नहीं है.
ब्रजेश पाठक ने कहा, “केशव मौर्य ने कोई आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं की, बल्कि अखिलेश यादव ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया.”
उन्होंने कहा कि सदन में हंगामा बढ़ता देख सीएम योगी आदित्यनाथ को बीच में हस्तक्षेप करना पड़ा.
वहीं, बीजेपी नेता सिद्धार्थनाथ सिंह ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा,
“नेता प्रतिपक्ष एक पूर्व मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं और जिस तरह से केशव प्रसाद मौर्य के ऊपर टिपण्णी की वह शोभा नहीं देता और जितनी निंदा की जाए वह कम है. कहीं न कहीं उनको पिछड़े वर्गों से प्रेम नहीं है.”
सिद्धार्थनाथ सिंह
‘तुम अपने पिताजी से पैसा लाते हो’, अखिलेश-केशव में हो गई भिड़ंत, बीच-बचाव में उतरे CM योगी
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