यूपी चुनाव में वोटिंग से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खेमे में टूट का क्रम थमने का नाम नहीं ले रहा. पहले स्वामी प्रसाद मौर्य और दारा सिंह चौहान जैसे दिग्गज नेताओं के संग कुछ विधायकों के इस्तीफे की खबर आई, तो यह क्रम गुरुवार को भी चालू रहा. गुरुवार को फिरोजाबाद की शिकोहाबाद विधानसभा से बीजेपी के विधायक डॉक्टर मुकेश वर्मा ने इस्तीफा दे दिया.
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खास बात यह रही कि मुकेश वर्मा ने भी अपने इस्तीफे में दलितों, पिछड़ों की अनदेखी का आरोप लगाया. साथ ही उन्होंने यह भी लिखा कि स्वामी प्रसाद मौर्य उनके नेता हैं और वह मौर्य के साथ हैं.
इस्तीफा देने के बाद मुकेश वर्मा ने यूपी तक से कहा कि ‘भारतीय जनता पार्टी ने बाबा साहब अंबेडकर के बनाए संविधान की व्यवस्थाओं पर कुठाराघात किया है. ना तो दलितों का हित, न शोषितों का हित, न पिछड़ों का हित, न अल्पसंख्यक का हित, केवल और केवल अपने हित में लगे हुए हैं.’
उन्होंने आगे कहा, “हम स्वामी प्रसाद मौर्या के साथ हैं. जहां स्वामी प्रसाद मौर्य जी जाएंगे, जहां कहेंगे, वह निर्णय हमें स्वीकार होगा.”
पेशे से सर्जन मुकेश वर्मा का राजनीतिक सफर
डॉ. मुकेश वर्मा उत्तर प्रदेश की शिकोहाबाद विधानसभा सीट से 2012 में BSP के टिकट पर चुनाव लड़े थे, जिसमें उनको एसपी प्रत्याशी ओम प्रकाश वर्मा ने 43,994 वोट से हरा दिया था. 2017 के विधानसभा चुनाव में डॉ. मुकेश वर्मा ने बीएसपी छोड़ बीजेपी का दामन थामा. बीजेपी के टिकट पर 2017 के विधानसभा चुनाव में इन्होंने अपने निकटम प्रतिद्वंदी और एसपी के प्रत्याशी डॉक्टर संजय कुमार यादव को 10,777 वोटों से हराया.
आपको बता दें कि मुकेश वर्मा को 2017 के विधानसभा चुनाव में 87,851 मत मिले, जबकि समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी डॉक्टर संजय यादव को 77,074 मत प्राप्त हुए.
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