ऐसा कहा जाता है कि कभी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को हराने के लिए गोरखपुर से योगी आदित्यनाथ ने अपने एक कार्यकर्ता डॉक्टर राधा मोहन दास अग्रवाल को हिंदू महासभा से चुनाव लड़वाया था और बीजेपी के कैबिनेट मिनिस्टर शिव प्रताप शुक्ला को हराकर अपनी ताकत दिखाई थी. समय कुछ ऐसा पलटा कि वर्तमान में योगी आदित्यनाथ बीजेपी से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं और आगामी विधानसभा चुनाव के लिए वह उसी सीट से राधा मोहन दास अग्रवाल का टिकट काटकर खुद चुनाव मैदान में हैं.
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आपको बता दें कि गोरखपुर शहर सीट बीजेपी के लिए पूरे यूपी में सबसे सुरक्षित सीट मानी जाती है. पिछले कई विधानसभा चुनावों में इस सीट पर बीजेपी का ही कब्जा है.
अब देखने वाली बात यह है कि डॉक्टर राधा मोहन दास अग्रवाल जो लगातार चार बार से विधायक थे, क्या वह सीएम योगी के लिए चुनाव में प्रचार करेंगे या खुद उनके खिलाफ चुनाव लड़ेंगे. कयास कई तरह के लगाए जा रहे हैं, लेकिन अभी राधा मोहन दास अग्रवाल ने अपने कोई भी पत्ते नहीं खोले हैं. जब मीडिया के लोगों ने उनसे बात करने की कोशिश की तो उन्हें इनकार कर दिया.
ऐसा कहा जा रहा है कि अगर राधा मोहन दास अग्रवाल योगी आदित्यनाथ की उम्मीदवारी से प्रसन्न होते तो वह इस घोषणा के बाद ही इसका समर्थन करते, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. ऐसे में ये अटकलें लगाई जा रही हैं कि कहीं राधा मोहन दास अग्रवाल अपने लिए कोई नए समीकरण की तलाश तो नहीं कर रहे हैं?
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