उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी (एसपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कमर कस ली है. आपको बता दें कि एसपी चीफ अखिलेश ने आज यानी मंगलवार से ‘समाजवादी विजय यात्रा’ के छठे चरण की जौनपुर से शुरुआत कर दी है. इस बीच अखिलेश ने जौनपुर में मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उनके साथ सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर और अपना दल (कमेरावादी) की प्रमुख कृष्णा पटेल मौजूद रहीं. मीडिया से बातचीत के दौरान अखिलेश ने जमकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साधा. खबर में आगे पढ़िए अखिलेश ने क्या-क्या कहा.
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मीडिया से बातचीत में अखिलेश ने कहा,
“पहले तो तीन कानून लाए गए, बड़े पैमाने पर किसानों का अपमान किया गया. 700 के लगभग किसानों की जान गई और अब वही सरकार के लोग जो काले कानून को तरह-तरह से कहते थे…आज मजबूरी में उन्हें यूपी चुनाव देखते हुए तीनों काले कानून वापस लेने पड़ गए.”
अखिलेश यादव.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर दिए बयान ‘आखिरी समय पर बनारस में ही रहा जाता है’ पर बीजेपी की ओर से माफी मांगने के सवाल पर अखिलेश ने कहा, “क्या भारतीय जनता पार्टी ये बताएगी कि सबसे पहले काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लिए जो भवन लिया गया था, क्या वो समाजवादी सरकार में नहीं लिया गया था? अगर वो जवाब दे दें…मंदिर में खड़े होकर सच बोल दें, तो जवाब हमसे भी ले जाना.”
रोजगार के मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधते हुए अखिलेश बोले, “मुझे कोई बताए कि जौनपुर में नौजवानों को नौकरी और रोजगार के लिए कौनसा बड़ा निवेश हुआ है, कौनसा इन्वेस्टमेंट आया है. कभी पेपर लीक हो गया, कभी स्थगित करनी पड़ीं परीक्षा, ये सरकार का काम-काज है.”
यूपी के पूर्व सीएम ने तंज कसते हुए कहा, “इनके सांसद-विधायक गांव में नहीं घुस पा रहे हैं. कई सांसद और विधायकों को अपमानित होन पड़ा. आपके ही बगल में सांसद कूटे गए. ये डबल इंजन की सरकार पूरी तरह से फेल हो गई है. ये डबल इंजन एक-दूसरे को टक्कर मार रहे हैं.”
एसपी चीफ ने कहा- ‘क्या लखीमपुर की घटना किसान भूल जाएंगे’
एसपी चीफ अखिलेश ने कहा, “लखीमपुर में कौन नहीं जानता कि किसानों को कुचल दिया और जो कुचलने वाली जीप थी, जीप को चलाने वाले लोग और जो उसमें बैठे थे वो बीजेपी के कार्यकर्त्ता थे या नहीं थे? क्या लखीमपुर की घटना किसान भूल जाएंगे?”
अखिलेश बोले- ‘क्या बीजेपी का रंग काला है?’
अखिलेश यादव ने कहा, “बीजेपी लाल रंग नहीं समझ सकती, क्योंकि लाल रंग इमोशन का है. आप जब खुश होते हैं तो आपका चेहरा लाल हो जाता है और आप जब गुस्से में होते हैं तो आपका चेहरा और कान लाल हो जाते हैं. ये हमारे खून का रंग है. क्या बीजेपी का रंग काला है?”
गौरतलब है कि पिछले दिनों गोरखपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, “आज पूरा यूपी भली-भांति जानता है कि लाल टोपी वालों को लाल बत्ती से मतलब रहा है, आपकी दुख-तकलीफों से नहीं. लाल टोपी वालों को सत्ता चाहिए, घोटालों के लिए, अपनी तिजोरी भरने के लिए, अवैध कब्जों के लिए, माफियाओं को खुली छूट देने के लिए. लाल टोपी वालों को सरकार बनानी है, आतंकवादियों पर मेहरबानी दिखाने के लिए, आतंकियों को जेल से छुड़ाने के लिए और इसलिए, याद रखिए, लाल टोपी वाले यूपी के लिए रेड अलर्ट हैं यानी खतरे की घंटी.”
इस दौरान एक पत्रकार ने सवाल पूछा कि आपके सहयोगी दलों के आपस में संबंध कैसे हैं, इस पर अखिलेश ने कहा, “ये संबंधों की चिंता मत करो. आप डबल इंजन सरकार की चिंता करो. जो सरकार से पहले ही पैदल हो गए, किनारे होकर तस्वीर देख रहे हैं सोचो…जो इस चुनाव में दूल्हा होने हैं, वो कहीं किनारे पर खड़े हैं.” अखिलेश का दूल्हे वाला तंज परोक्ष रूप से सीएम योगी आदित्यनाथ को लेकर देखा जा रहा है.
अनुप्रिया पटेल की अपना दल (सोनेलाल) के साथ गठबंधन को लेकर एसपी चीफ ने कहा, “माता जी उनकी हमारे साथ हैं. मैंने कहा कमरा भर चुका है. एक कमरे में जितनी सीटें हैं, उतने ही तो आ सकते हैं.”
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