निकाय चुनाव: SC के फैसले पर केशव बोले-अखिलेश पिछड़ों के विरोधी हैं उन्हें करारा जवाब है यह

यूपी तक

• 12:51 PM • 04 Jan 2023

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के यूपी निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के मुद्दे से संबंधित आदेश पर रोक लगा दी है.…

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सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के यूपी निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के मुद्दे से संबंधित आदेश पर रोक लगा दी है. बता दें कि पिछले दिनों इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूपी निकाय चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के कराने का आदेश दिया था.

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सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. केशव ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर हमला भी बोल डाला.

उन्होंने ट्वीट कर कहा, “नगर निकाय चुनाव में हाई कोर्ट के पिछड़ा वर्ग को आरक्षण के बिना चुनाव कराने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई है. रोक के आदेश का स्वागत करता हूं. सपा मुखिया श्री अखिलेश यादव जी एंड कंपनी जो स्वयं पिछड़ो के विरोधी हैं उनको करारा जबाब है.”

एक दूसरे ट्वीट में डिप्टी सीएम ने कहा, “संविधान ने आरक्षण दिया है तो मिलेगा ही. डबल इंजन सरकार का यह संकल्प है. #पिछड़ों_दलितों_के_आरक्षण को कोई छीन नहीं सकता! मुद्दा विहीन विपक्ष सरकार के खिलाफ आरक्षण मामले में फर्जी मुद्दा बनाने की साजिश किया जो सुप्रीम कोर्ट की रोक से विफल हो गया.”

गौरतलब है कि प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा की पीठ ने राज्य सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों पर संज्ञान लिया.

पीठ ने निर्देश दिया कि राज्य सरकार द्वारा नियुक्त एक आयोग को 31 मार्च, 2023 तक स्थानीय निकायों के चुनाव के लिए ओबीसी आरक्षण से संबंधित मुद्दों पर फैसला करना होगा.

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्वाचित प्रतिनिधियों के कार्यकाल की समाप्ति के बाद स्थानीय निकाय मामलों के संचालन के लिए प्रशासकों की नियुक्ति करने की अनुमति दी. हालांकि, कोर्ट ने कहा कि प्रशासकों के पास महत्वपूर्ण नीतिगत फैसले लेने की शक्तियां नहीं होंगी.

सुप्रीम कोर्ट इससे पहले शहरी स्थानीय निकाय चुनावों पर उसकी मसौदा अधिसूचना को रद्द करने और उसे अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण के बिना चुनाव कराने का निर्देश देने के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली उत्तर प्रदेश सरकार की अपील पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई थी.

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने पांच दिसंबर की मसौदा अधिसूचना को रद्द करते हुए आदेश दिया था कि राज्य सरकार चुनावों को “तत्काल” अधिसूचित करे क्योंकि कई नगरपालिकाओं का कार्यकाल 31 जनवरी तक समाप्त हो जाएगा.

कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को मसौदा अधिसूचना में ओबीसी की सीटें सामान्य वर्ग को स्थानांतरित करने के बाद 31 जनवरी तक चुनाव कराने का निर्देश दिया था.

यूपी निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने HC के आदेश पर लगाई रोक

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