उपराष्ट्रपति चुनाव: NDA उम्मीदवार जगदीप धनखड़ को समर्थन देगी BSP, मायावती ने किया ऐलान

यूपी तक

• 03:01 AM • 03 Aug 2022

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ को बुधवार को समर्थन…

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बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ को बुधवार को समर्थन देने की घोषणा की. आपको बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव में भी मायावती ने राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दिया था.

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बसपा सुप्रीमो ने ट्वीट कर कहा,

“सर्वविदित है कि देश के सर्वाेच्च राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में सत्ता व विपक्ष के बीच आम सहमति ना बनने की वजह से ही इसके लिए फिर अन्ततः चुनाव हुआ. अब ठीक वही स्थिति बनने के कारण उपराष्ट्रपति पद के लिए भी दिनांक 6 अगस्त को चुनाव होने जा रहा है.”

मायावती

मायावती ने आगे कहा, “बीएसपी ने ऐसे में उपराष्ट्रपति पद के लिए हो रहे चुनाव में भी व्यापक जनहित व अपनी मूवमेन्ट को भी ध्यान में रखकर श्री जगदीप धनखड़ को अपना समर्थन देने का फैसला किया है तथा जिसकी मैं आज औपचारिक रूप से घोषणा भी कर रही हूं.”

आपको बता दें कि छह अगस्त को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव में राजग के उम्मीदवार धनखड़ विपक्ष के साझा उम्मीदवार पूर्व केंद्रीय मंत्री मार्गरेट अल्वा के सामने मैदान में हैं.

धनखड़ का उपराष्ट्रपति (Vice President) चुना जाना लगभग तय माना जा रहा है. देश के उपराष्ट्रपति को चुनने के लिए निर्वाचक मंडल में संसद के दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य शामिल होते हैं. संसद में सदस्यों की मौजूदा संख्या 780 है, जिनमें से केवल भाजपा के 394 सांसद हैं. जीत के लिए कम से कम 391 मतों की आवश्यकता होगी.

कौन हैं जगदीप धनखड़?

जाट समुदाय से ताल्लुक रखने वाले धनखड़ समाजवादी पृष्ठभूमि के रहे हैं और वह पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं.

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में अपनी मौजूदा भूमिका से पहले 71 वर्षीय धनखड़ एक प्रसिद्ध वकील रहे हैं. उन्होंने राजस्थान में जाट समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

बता दें कि धनखड़ ने राजस्थान उच्च न्यायालय और देश के उच्चतम न्यायालय, दोनों में वकालत की। 1989 के लोकसभा चुनाव में झुंझुनू से सांसद चुने जाने के बाद उन्होंने 1990 में संसदीय मामलों के राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया। 1993 में वह अजमेर जिले के किशनगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से राजस्थान विधानसभा पहुंचे.

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