Dhananjay Singh News: एसटीपी और नमामि गंगे योजना में काम करने वाली फर्म एसपीएमएल के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल को धमकी देने और अपहरण करने के मामले में जौनपुर की कोर्ट द्वारा पूर्व सांसद धनंजय सिंह को दोषी करार दिए जाने पर मंगलवार को जिला कारागार भेज दिया गया. आज यानी बुधवार को एमपी-एमएलए कोर्ट एडीजे-4 शरद त्रिपाठी की अदालत में धनंजय सिंह को सजा सुनाई जाएगी. धनंजय सिंह को सजा मिलने पर सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है. इस बीच धनंजय सिंह का समाजवादी पार्टी (सपा) चीफ अखिलेश यादव के साथ का एक वीडियो वायरल हो रहा है. क्या है इस वायरल वीडियो को पूरी कहानी? खबर में इसे आगे जानिए.
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आपको बता दें कि 2 मार्च की शाम सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अपने 195 उम्मीदवारों की सूची जारी की. जदयू के NDA अलायंस में आने के बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में धनंजय सिंह जौनपुर सीट पर दावेदारी पेश कर रहे थे. मगर उन्हें सफलता नहीं मिली, क्योंकि भाजपा ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्य मंत्री कृपा शंकर सिंह को जौनपुर लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बना दिया. इसके कुछ ही देर बाद धनंजय ने भी जौनपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने का इरादा जताया. उन्होंने दो मार्च को 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी पोस्ट में कहा था, "साथियों! तैयार रहिए...लक्ष्य बस एक लोकसभा 73, जौनपुर."
फिर 4 मार्च को हुई अखिलेश से मुलाकात
बता दें कि लखनऊ में 4 मार्च को धनंजय सिंह की एक शादी समारोह में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से सार्थक मुलाकात भी हुई थी. सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा है कि धनंजय सिंह इस बार विपक्षी पार्टियों के समूह इंडिया गठबंधन के बैनर तले जौनपुर से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ सकते थे. मगर मंगलवार को अचानक 46 माह पूर्व दर्ज एफआईआर के आधार पर कोर्ट के आदेश ने जौनपुर की राजनीति में भूचाल ला दिया.
क्या है पूरा मामला जिसमें धनंजय सिंह को मिली है सजा?
जिला शासकीय अधिवक्ता सतीश पांडेय ने बताया कि नमामि गंगे परियोजना के प्रबंधक मुजफ्फरनगर निवासी अभिनव सिंघल ने 10 मई, 2020 को जौनपुर के लाइनबाजार थाने में पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके साथी विक्रम के खिलाफ अपहरण और रंगदारी मांगने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था. इस मामले में आरोप लगाया गया था कि विक्रम ने अपने दो साथियों के साथ पहले उनका अपहरण किया और फिर उन्हें पूर्व सांसद धनंजय सिंह के आवास पर ले गया. उन्होंने बताया कि सिंघल ने आरोप लगाया था कि वहां धनंजय सिंह पिस्टल लेकर आए और गालियां देते हुए धमकी देने के बाद रंगदारी मांगी.
पांडेय ने बताया कि मुकदमा दर्ज होने के बाद इस मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह गिरफ्तार भी हुए थे. बाद में उन्होंने उच्च न्यायालय इलाहाबाद से जमानत हासिल की थी. उन्होंने बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश शरद कुमार त्रिपाठी ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके साथी संतोष विक्रम को दोषी करार दिया है.
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