कौन हैं माता प्रसाद पांडेय जो यूपी विधानसभा में अब निभाएंगे अखिलेश की जिम्मेदारी, दो बार रह चुके हैं मंत्री

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28 Jul 2024 (अपडेटेड: 28 Jul 2024, 08:17 PM)

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश विधानसभा में नए नेता प्रतिपक्ष के नाम पर मुहर लग गई है. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने नेता प्रतिपक्ष के लिए सपा विधायक माता प्रसाद पांडेय के नाम का ऐलान किया है.

अखिलेश ने माता प्रसाद पांडे को को दी नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी

अखिलेश ने माता प्रसाद पांडे को को दी नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी

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Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश विधानसभा में नए नेता प्रतिपक्ष के नाम पर मुहर लग गई है. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने नेता प्रतिपक्ष के लिए सपा विधायक माता प्रसाद पांडेय के नाम का ऐलान किया है. माता प्रसाद पांडेय अब विधानसभा में विपक्ष का चेहरा होंगे और 2022 के बाद से सदन में जो भूमिका अखिलेश यादव निभा रहे था वो जिम्मा संभालेंगे. सपा प्रमुख ने माता प्रसाद पांडे के साथ ही अमरोहा से विधायक महबूब अली को अधिष्ठाता मंडल, हसनपुर से विधायक कमाल अख्तर को मुख्य सचेतक और प्रतापगढ़ जिले के रानीगंज विधानसभा क्षेत्र से विधायक राकेश कुमारको उप सचेतक बनाया है. 

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कौन हैं माता प्रसाद पांडे

बता दें कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में शानदार जीत मिलने के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव अपने जनाधार को और विस्तार देने में जुटे हैं.उन्होंने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर वरिष्ठ समाजवादी नेता माता प्रसाद पांडेय को बैठाने का निर्णय लिया. माता प्रसाद ब्राह्मण समुदाय से आते हैं और वह 82 साल के हैं. माता प्रसाद पांडेय ने अपना पहला चुनाव साल 1980 में जनता पार्टी से लड़ा था और पहली बार विधानसभा में जगह बनाई. बता दें कि 2002, 2007 और 2012 में सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और विधानसभा पहुंचे. 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा पर 2022 में एक बार फिर जीत हासिल की. माता प्रसाद पांडे 1991 में स्वास्थ्य मंत्री तथा 2003 में श्रम और रोजगार मंत्री बने रहे.

समाजवादी पार्टी के लखनऊ से विधायक रविदास मेहरोत्रा ने जानकारी दी कि, 'माता प्रसाद पांडे दो बार विधानसभा अध्यक्ष रहे हैं. लंबा अनुभव है और लंबे समय से विधाई कार्य के अनुभवी है. उनके प्रतिपक्ष के नेता के तौर पर रहने से जनता के मुद्दों को उठाने में मदद मिलेगी. PDA का मतलब पिछड़ा दलित और ए से दो है, अल्पसंख्यक और अगड़ा. माता प्रसाद पांडे अनुभव के आधार पर नेता प्रतिपक्ष बनाए गए हैं. हम सड़क से लेकर सदन तक जनता के मुद्दों को उठाने का काम करेंगे.'
 

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