उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले, पाकिस्तान के पहले गवर्नर जनरल मोहम्मद अली जिन्ना को लेकर एक बार फिर सियासत तेज हो गई है. इस बीच, जिन्ना को लेकर समाजवादी पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयान पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है.
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सीएम योगी ने 1 नवंबर को कहा, ”पिछली सरकार में बैठे लोग समाज को बांटने में लगे रहते थे. उनकी विभाजन की प्रवृति अभी तक नहीं गई है. कल मैं एसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की बातें सुन रहा था. वो इस राष्ट्र को जोड़ने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल की तुलना जिन्ना से कर रहे थे.”
इसके आगे मुख्यमंत्री योगी ने कहा,
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”एसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का बयान अत्यंत शर्मनाक है. सरदार वल्लभ भाई पटेल भारत की एकता और अखंडता के शिल्पी हैं. कल एसपी प्रमुख की विभाजनकारी मानसिकता सामने आ गई, जब उन्होंने जिन्ना को समकक्ष रख के सरदार वल्लभ भाई पटेल की तुलना की.”
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”ये तालिबानी मानसिकता है. हर वक्त तोड़ने का प्रयास करती है. पहले जाति और अन्य वादों के नाम पर तोड़ने की प्रवृत्ति, जब वो अपने मंसूबों पर सफल नहीं हो रहे हैं, तो महापुरुषों पर लांछन लगाके पूरे के पूरे समाज को अपमानित करने का प्रयास कर रहे हैं.”
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”एसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बयान की पूरे समाज को निंदा करनी चाहिए. एसपी प्रमुख को अपने इस कृत्य के लिए माफी मांगनी चाहिए. सरदार वल्लभ भाई पटेल के इस अपमान को देश कभी स्वीकार नहीं कर सकता.”
अखिलेश यादव ने क्या कहा था?
अखिलेश यादव ने 31 अक्टूबर को हरदोई की एक जनसभा में कहा था, ”सरदार (वल्लभ भाई) पटेल जी, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू और जिन्ना एक ही संस्था में पढ़े और बैरिस्टर बनकर आए थे. एक ही जगह पर उन्होंने पढ़ाई-लिखाई की. वो बैरिस्टर बने. उन्होंने आजादी दिलाई.”
उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का नाम लिए बिना कहा था, “अगर कोई विचारधारा (आरएसएस की) है जिस पर प्रतिबंध लगाया गया था तो वह लौह पुरुष सरदार पटेल थे जिन्होंने प्रतिबंध लगाने का काम किया था.”
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने कहा था, ” आज, जो लोग देश को एकजुट करने की बात कर रहे हैं, वे हमें और आपको जाति और धर्म के आधार पर विभाजित कर रहे हैं.”
सीएम योगी ने यूपी की पिछली अखिलेश सरकार पर साधा निशाना
सीएम योगी आदित्यनाथ ने 1 नवंबर को मुरादाबाद में प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को भवनों की चाबियां वितरित कीं. इस दौरान उन्होंने कहा, ”पिछली सरकार प्रदेश की 24 करोड़ जनता को परिवार का हिस्सा नहीं मानती थी. उन लोगों ने गरीबों को शासन की योजनाओं का लाभ दिलाने का काम नहीं किया.”
इसके अलावा योगी आदित्यनाथ ने कहा, ”2017 से पहले केंद्र की योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए मोदी सरकार द्वारा प्रदेश की पिछली सरकार से सूची मांगी जाती थी, ताकि गरीब परिवार का कल्याण हो सके. तब पिछली सरकार में बैठे लोगों को वह सूची तक देने की फुर्सत नहीं थी.”
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