गोरखपुर में शख्स के अंत: करण से आई आवाज और खुद के लिए मांग लिया भारत रत्न, अफसरों ने भी कर दिया दस्तखत

रवि गुप्ता

• 06:06 AM • 22 Nov 2023

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से एक अजब-गजब मामला सामने आया है. जहां एक शख्स ने खुद के लिए भारत रत्‍न की…

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Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से एक अजब-गजब मामला सामने आया है. जहां एक शख्स ने खुद के लिए भारत रत्‍न की मांग कर दी. उसने गोरखपुर मण्डल के आयुक्‍त (कमिश्‍नर) कार्यालय को पत्र लिखकर ये मांग की है. सोशल मीडिया पर वायरल हुआ उसका मांग पत्र चर्चा का विषय बना हुआ है. इसमें शख्स ने कहा कि ध्यान-साधना के दौरान उसे भारत रत्न पाने की इच्छा प्रकट हुई थी. एक बार ध्यान करते वक्त उसे तीन बार भारत रत्न पाने की अवाज गूंजी, जो उसको सुनाई दी.

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शख्स ने खुद के लिए मांगा ‘भारत रत्न’

पत्र लिखने वाले शख्स ने खुद का नाम विनोद कुमार गौंड बताया है. विनोद के मुताबिक, वो गोरखपुर के सदर तहसील के थानापिपराइच क्षेत्र का रहने वाला है. 30 सितंबर को संध्या वंदन से पूर्व जब ध्यान-साधना में बैठकर तपस्या कर रहा था तो अचानक अंतःकरण में भारत रत्न पाने की तीव्र आवाज आई. बस फिर क्या वो निकल पड़ा अपने सपनों को साकार करने के लिये. विनोद ने पत्र में आगे लिखा कि इसीलिए निवेदन है कि मेरी मनोकामना पूर्ण की जाए और मुझे भारत रत्न से सम्मानित किया जाए. इसके लिए विनोद ने कमिश्‍नर और जिला मजिस्‍ट्रेट को पत्र लिखकर उनका ध्यान आकर्षित किया है.

बताया जा रहा है कि विनोद ई-रिक्शा चलाकर परिवार का भरण-पोषण कर रहा था. उसके दो बेटे हैं. कुछ महीने पहले उसका रिक्शाचोरी हो गया था. इसके बाद वह एक कथावाचक का ड्राइवर बन गया. उन्हीं के साथ पूजा-पाठ और साधना आदि करने लगा. इसी बीचउसने दावा कर दिया कि साधना के दौरान उसके अंर्तमन से आवाज आई कि वह जो कर रहा है, उसके लिए उसे भारत रत्न से सम्मानितकरना चाहिए.

खुल गई पोल

गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर उसकी यह चिट्ठी तब वायरल हो गई जब उसकी चिट्ठी आयुक्त कार्यालय से निकलकर, डीएमकार्यालय और सीडीओ कार्यालय होते हुए तहसीलदार तक पहुँची. तहसीलदार ने फिलहाल जाँच के लिए लेखपाल का सहयोग लियाहै और विनोद के गाँव वालों से जानकारी इकट्ठा करायी जा रही है.

क्या कहना है अधिकारियों का

वायरल हुई इस चिट्ठी में कई बड़े अधिकारियों के कार्यालय के स्टाम्प और हस्ताक्षर है. जिसके बाद ये सवाल उठने लगाकि कैसे इस चिट्ठी पर कोई अधिकारी अपना समय दे सकता है. इस बाबत जब सीडीओ गोरखपुर संजय कुमार मीना से संपर्क साधा गया तो उन्होंने कहा कि, ‘चिट्ठी हमारे कार्यालय में आने के बाद उसे मार्क करके जांच के लिए आगे बढ़ाया जाता है, ठीक वही हम सब ने किया. बाक़ी उसकी चिट्ठी की पड़ताल चल रही है.’

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