उत्तर प्रदेश के 2022 विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सूबे में अपनी सियासत को मांज रहे असदुद्दीन ओवैसी अब पश्चिमी यूपी का रुख करने जा रहे हैं. मुस्लिमों के मुद्दे को लेकर बीजेपी सरकार के साथ-साथ अखिलेश, कांग्रेस और मायावती को भी घेर रहे ओवैसी की नजर अब पश्चिमी यूपी के विनिंग फॉर्म्युला पर अटकी है. ओवैसी अब इस फॉर्म्युला को तोड़ने की तैयारी में हैं.
ADVERTISEMENT
दरअसल पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट और मुस्लिम का गठजोड़ आरएलडी को फायदा देता रहा है. इससे पहले के चुनाव में भी इसी समीकरण ने समाजवादी पार्टी को भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में काफी फायदा पहुंचाया था, लेकिन 2013 के दंगों के बाद यह कॉन्बिनेशन टूटता नजर आया. इसका सीधा फायदा बीजेपी को 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों संग 2017 के विधानसभा चुनाव में देखने को मिला.
असदुद्दीन ओवैसी 17 अक्टूबर को गाजियाबाद के मसूरी में शोषित और वंचित समाज की जनसभा को संबोधित करेंगे और मुस्लिम समुदाय के मुद्दों को एक बार फिर से उठाएंगे. इसके बाद वह 23 अक्टूबर को किठौर विधानसभा मेरठ में जनसभा करने जा रहे हैं. जनसभाओं में ओवैसी मुस्लिम समाज की अनदेखी के लिए सीधे तौर पर बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए सवाल खड़े करते आए हैं.
वहीं पश्चिमी इलाके के मुजफ्फरनगर में 27 अक्टूबर को और 31 अक्टूबर को सहारनपुर में भी ओवैसी की जनसभा होगी. इन विधानसभा सीटों पर मुस्लिम आबादी एक निर्णायक भूमिका में है और अल्पसंख्यको की नुमाइंदगी का दावा कर रहे ओवैसी इसे साधने की कवायद में हैं. इससे पहले भी ओवैसी ने बहराइच, आजमगढ़, अयोध्या, भदोही, प्रयागराज और कानपुर जिलों की मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर अपने उम्मीदवारों के प्रचार में जनसभाएं की हैं.
पार्टी का दावा, ओवैसी उठा रहे दलित-शोषित समाज की आवाज
एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली के मुताबिक असदुद्दीन ओवैसी लगातार यूपी के जिलों में दलित एवं शोषित समाज के लोगों की आवाज उठाते रहे हैं और आने वाले चुनाव में भी इसी मुद्दे पर सरकार को सवाल करते रहेंगे. ओवैसी का यह दौरा भी शोषित समाज के जुड़े मुद्दों को उठाने का काम करेगा. ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमी (AIMIM) के अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मिशन-2022 में पार्टी उत्तर प्रदेश के 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जिसके लिए उन्होंने भागीदारी संकल्प मोर्चा के साथ गठबंधन किया है.
हालांकि ओवैसी को लेकर योगी सरकार के मंत्री मोहसिन रजा की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है. मंत्री मोहसिन रजा के मुताबिक ओवैसी सांप्रदायिक तौर पर लोगों को बांटने का काम करते हैं और पाकिस्तान के समर्थन की बात करने वाले ऐसे राजनेता उत्तर प्रदेश में कुछ भी नहीं कर पाएंगे. रजा के मुताबिक प्रदेश सरकार की सभी योजनाओं का सबसे ज्यादा लाभ अल्पसंख्यक समाज को मिला है और यह उसे भी पता है कि कौन सी पार्टी उसकी हितैषी है, कौन उसका इस्तेमाल करती है.
राजनीतिक विश्लेषक रतन मणि लाल कहते हैं कि ओवैसी कई वर्षों से यूपी में पैर जमाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सफलता नहीं मिली. इस बार उन्होंने कई पार्टियों के साथ गठजोड़ बनाने के लिए गंभीर प्रयास किया है. हालांकि वह एसपी के साथ अपने प्रयासों में विफल रहे हैं, लेकिन उनके मुखर बयानों से उन्हें मुस्लिम समुदाय का समर्थन मिलता दिख रहा है.
ADVERTISEMENT