प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी दौरे को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में समाजवादी पार्टी (एसपी) अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयान पर सियासी घमासान छिड़ा हुआ है. इस बीच इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में अखिलेश ने यह साफ करने की कोशिश की है कि उस बयान के जरिए उनका मतलब क्या था.
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दरअसल 13 दिसंबर को जब अखिलेश मीडिया से बात कर रहे थे, तब उनसे इस पर प्रतिक्रिया मांगी गई थी कि ”बनारस में आज प्रधानमंत्री हैं और एक महीने के कार्यक्रम वहां रखे जा रहे हैं.”
अखिलेश ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा था, ”बहुत अच्छी बात है, एक महीना नहीं, दो महीना, तीन महीना, वहीं रहें. अच्छी बात है. वो जगह रहने वाली है. आखिरी समय पर वहीं रहा जाता है बनारस में.”
इसके बाद जब इंडिया टुडे ने इस बयान को लेकर अखिलेश से सवाल किया तो उन्होंने कहा, ”मेरा मतलब था, यूपी में बीजेपी सरकार का अंत… पीएम की लंबी उम्र की कामना करता हूं.”
इसके अलावा उन्होंने कहा, ”बनारस लोग क्यों जाते हैं, सरकार का आखिरी वक्त है. ये सरकार जाने वाली है. समाजवादी पार्टी का और मेरा यही मानना है कि आखिरी वक्त पर कुछ भी कर लेंगे लेकिन उत्तर प्रदेश का किसान, नौजवान, व्यापारी, हर वर्ग के लोग इस सरकार को हटाना चाहते हैं.”
बता दें कि अखिलेश के 13 दिसंबर के बयान को लेकर बीजेपी उत्तर प्रदेश ने ट्वीट कर कहा था, ”अखिलेश यादव का यह बयान शर्मनाक है. आज जब विश्वनाथ धाम के संवर्धन का इतना विशिष्ट काम हुआ, तब प्रधानमंत्री के लिए मृत्यु की इच्छा जताना उनकी विकृत मानसिकता को दर्शाता है. चुनाव में दिख रही हार से बौखलाए अखिलेश अपना संतुलन खो बैठे हैं.”
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