उत्तर प्रदेश में हुई मूसलाधार बारिश के दौरान आकाशीय बिजली गिरने से अलग-अलग जिलों में कुल मिलाकर 10 लोगों की मौत हो चुकी है. प्रत्येक मृतक के परिजनों को सहायता के तौर पर चार-चार लाख रुपये उत्तर प्रदेश सरकार देगी. यह जानकारी खुद उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने वाराणसी में मीडिया से मुखातिब होते हुए दी.
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सूर्य प्रताप शाही ने वाराणसी के सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि उन्हें इस आकाल मृत्यु का दुख है और वह श्रद्धांजलि भी दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि आज से यह कार्रवाई प्रारंभ हो जाएगी कि अविलंब मृतकों के खातों में 4-4 लाख रुपये भेज दिए जाए.
उन्होंने आगे बताया कि 4 जनपदों के भीतर बारिश से नुकसान होने की सूचना वहां के जिलाधिकारियों ने दी है. उस संदर्भ में परीक्षण कराया जा रहा है और विशेष रूप से ललितपुर, अंबेडकरनगर, बुलंदशहर और प्रतापगढ़ वह जिले हैं. क्षति के अनुसार ही क्षतिपूर्ति की जाएगी.
सर्वे से होगी फसल नुकसान की भारपाई
कृषि मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत जिन किसानों ने अपनी रबी की फसल की बीमा कराई है उन किसानों के भी क्षति वाली फसलों का सर्वे कराकर उनकी क्षतिपूर्ति की जाएगी.
उन्होंने बताया कि जिन जनपदों में ओलावृष्टि की वजह से नुकसान हुआ है उन जनपदों में भी किसान एप्लीकेशन लगाकर और सर्वे कराकर फसल बीमा योजना के तहत क्षतिपूर्ति पा सकते हैं. इसके लिए किसानों को 72 घंटे के अंतर्गत कॉल सेंटर पर सूचना देनी होगी.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि आलू खरीद के लिए 650 रुपये प्रति कुंटल दाम को सरकार ने तय कर दिया है और लगभग परसों तक 60000 कुंटल 630 रुपये के रेट से खरीदा गया है, जिससे आलू के रेट में सुधार आया है.
एमएसपी दोगुनी से भी ज्यादा हुई
सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि ‘एमएसपी जितना मोदी सरकार में बढ़ी है, अगर पूर्व की सरकारों ने भी बढ़ाया होता तो आज किसान बहुत आगे निकल गया होता. प्रधानमंत्री जी को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उनके आने के बाद बहुत ज्यादा फसलों की एमएसपी दोगुनी से भी ज्यादा किया और बहुत सारे फसलों की एमएसपी डेढ़ गुना से भी ज्यादा किया. उदाहरण के तौर पर जब सरकार बनी थी तब धान की एमएसपी 1310 थी और इस साल ₹2040 के आधार पर खरीदी गई है.’
वहीं, खास बातचीत में उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि मिलेट्स को जल्द ही मध्याह्न भोजन यानी मिड-डे-मील में शामिल किया जाएगा, लेकिन अभी सार्वजनिक वितरण प्रणाली से इसका वितरण नहीं होगा. फिलहाल यह निर्णय मिलेट्स के पैदावार के बाद लिया जाएगा.
उन्होंने बताया कि इस बार फसल कटाई के बाद ज्वार और बाजरे के बीज पर 50% अनुदान के साथ अलग-अलग ब्लॉक पर स्टाल लगाकर किसानों को दिया जाएगा.
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