यूपी बीजेपी के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी (Bhupendra Singh Chaudhary) ने समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर निशाना साधा है. कानपुर में उन्होंने कहा कि ‘यह सीजनल लोग हैं, लोगों की भावनाओं के साथ आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं. पिछले चुनाव में परशुराम की मूर्ति लगवा दी और इस चुनाव में काशीराम की मूर्ति का लोकार्पण कर रहे हैं.’
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बता दें कि पिछले दिनों अखिलेश यादव ने रायबरेली में बसपा संस्थापक कांशीराम की प्रतिमा का अनावरण किया था. गौरतलब है कि यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान अखिलेश यादव ने लखनऊ स्थित महुरा कलां गांव में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भगवान परशुराम की मूर्ति का अनावरण किया था.
दलित वोट बैंक को साधने की कोशिश
सियासी गलियारों में अखिलेश यादव द्वारा कांशीराम की प्रतिमा का अनावरण करने की घटना को सपा की दलित राजनीति का हिस्सा माना जा रहा है. बताया जा रहा है कि अखिलेश ने कांशीराम की प्रतिमा का अनावरण कर प्रदेश में दलित वोट बैंक को साधने की कोशिश की है. कांशीराम की प्रतिमा का अनावरण करने के मौके पर अखिलेश ने कहा था कि लोकतंत्र, बाबा साहब के संविधान को बचाने और अपने हक, सम्मान, अधिकार के लिए समाजवादी पार्टी के साथ बहुजन समाज एकजुट हो रहा है.
मायावती ने साधा था निशाना
वहीं, अखिलेश यादव के ‘बहुजन समाज’ के उनके झंडे तले बड़े पैमाने पर एकजुट होने के दावे के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने कहा था कि दलितों, अन्य पिछड़े वर्गों और मुस्लिम समुदाय को, जनहित के बजाय जातिवादी द्वेष और ‘अनर्गल मुद्दों’ की राजनीति करने वाली सपा से सावधान रहना चाहिए.
बीजेपी ने जबाव में बनाया ये प्लान
बीजेपी ने भी सपा की इस दलित राजनीति का जवाब देने के लिए मास्टर प्लान तैयार कर लिया है. बीजेपी 14 अप्रैल को अम्बेडकर जंयती के मौके पर एक प्रदेशव्यापी अभियान चलाकर दलितों को बताएगी कि बीजेपी नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी ने गेस्ट हाउस कांड के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) कार्यकर्ताओं से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मौजूदा मुखिया मायावती की जान कैसे बचायी थी. इस अभियान को बीजेपी के कार्यकर्ता लोगों तक गली-गली जाकर पहुंचाएंगे.
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