शाहजहांपुर की गजब होली! यहां भैंसा गाड़ी पर निकले लाट साहब, बरसाए गए जूते, जानिए वजह?

विनित पाण्डेय

• 09:48 AM • 08 Mar 2023

Shahjahanpur Lat sahab Holi: रंगों का त्योहार होली को शाहजहांपुर में मनाने का तरीका पूरे देश में सबसे अनोखा और निराला है. देश में कहीं…

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Shahjahanpur Lat sahab Holi: रंगों का त्योहार होली को शाहजहांपुर में मनाने का तरीका पूरे देश में सबसे अनोखा और निराला है. देश में कहीं फूलों से होली खेली जाती है, तो कहीं लाठीमार होली खेली जाती है. लेकिन शाहजहांपुर में लाट साहब को भैंसा गाड़ी पर बैठा कर और जूते मार कर होली का लुत्फ उठाया जाता है. ये जूतेमार होली अंग्रेजों के प्रति अपना आक्रोश प्रकट करने के लिए मनाई जाती है. इसमें एक व्यक्ति को लाट साहब बनाकर उसे जूते और झाड़ू से पीटा जाता है. आपको बता दें कि बेहद संवेदनशील माने जाने वाले लाट साहब के जुलूस की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर इस बार आरएएफ और पीएसी फोर्स लगाई गई थी.

बरसों पुरानी है लाट साहब का जुलूस निकालने की परम्परा

शाहजहांपुर में लाट साहब का जुलूस निकालने की ये परम्परा बरसों पुरानी है. चूंकि अंग्रेजों ने जो जुल्म भारतवासियों पर किए थे, वे आज भी हर किसी के दिल मे मौजूद हैं. यहां के लोग अंग्रेजों के प्रति अपना दर्द और आक्रोश बेहद अनूठे ढंग से प्रदर्शित करते हैं. लाट साहब के जुलूस में अंग्रेज के रूप में एक व्यक्ति को भैंसा गाड़ी पर बैठाकर, उसे जूते और झाड़ू से पीटते हुए पूरे शहर में घुमाया जाता है. इसके अलावा लोग लाट साहब को जूते फेंक कर भी मारते हैं. यहां खास बात ये होती है लाट साहब के बदन पर एक भी कपड़ा नहीं होता, लेकिन जब ये जुलूस मेन रोड पर आता है तो लाट साहब को एक पन्नी की चादर से ढक दिया जाता है.

दो स्थानों से निकाला जाता है लाट साहब का जुलूस

इस जुलूस में हजारों की संख्या में हुड़दंगी जमकर हुड़दंग मचाते हैं, क्योंकि ये वर्षों पुरानी परम्परा है. लाट साहब का जुलूस शहर में दो स्थानों से निकाला जाता है. पहला बड़े चौक से और दूसरा सराय काईया से. इसमें हुड़दंगी हर साल कोई न कोई बलवा जरूर खड़ा कर देते हैं. वैसे तो किसी को सरेआम पीटना गैर कानूनी होता है, लेकिन यहां किसी को जूतों और झाड़ू से पीटने का ये पूरा खेल पुलिस की निगरानी में ही होता है. इसी के चलते इस बार शहर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस अधिकारियों समेत लगभग 3 हजार पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था. ताकि होली को शान्तिपूर्ण ढंग से निपटाया जाए.

ड्रोन से की गई थी निगरानी

होली को शांतिपूर्ण ढंग से निपटाने के लिए आरएएफ और पीएसी फोर्स की तैनाती की गई थी. साथ ही ड्रोन कैमरे से भी निगरानी की गई. वैसे तो पूरे साल लोग अलग अलग तरीके से अपना विरोध प्रकट करते हैं, लेकिन शाहजहांपुर में अंग्रेजों के प्रति अपना विरोध प्रकट करने का ये तरीका बेहद निराला है. जहां होली पर अंग्रेज बने लाट साहब को जूते मार कर अपना विरोध प्रकट किया जाता है. यहां होली के रंगों का मजा तो लिया ही जाता है, साथ ही लाट साहब के जुलूस का मजा भी बेहद निराला है. भले ही आज हमारा देश अंग्रेजों से आजाद हो चुका है, लेकिन उनकी गुलामी का दर्द आज भी देश के लोगों में मौजूद है.
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