लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को गिरफ्तार किए जाने के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. आशीष को ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया था, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में डिस्ट्रिक्ट जेल भेज दिया गया.
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इस मामले में वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी (एसपीओ) एसपी यादव ने बताया कि आशीष की पुलिस रिमांड के लिए अर्जी दी गई थी और अदालत ने इस अर्जी पर सुनवाई के लिए 11 अक्टूबर की तारीख तय की है.
इस मामले में यूपी पुलिस ने बताया कि आशीष मिश्रा 9 अक्टूबर को ‘विवेचनाधिकारी के सामने पूछताछ के लिए क्राइम ब्रांच लखीमपुर खीरी में उपस्थित हुए, जिनसे विवचक द्वारा लगातार पूछताछ की गई. पूछताछ के दौरान पाया गया कि उनके जवाब संतोषजनक नहीं हैं, (वह) विवेचना में सहयोग नहीं कर रहे हैं और सवालों से बचने का प्रयास कर रहे हैं. इस कारण विवेचक ने उनको अभिरक्षा में लेकर पूछताछ करना उचित समझा और देर रात गिरफ्तार कर लिया गया.
आशीष मिश्रा के खिलाफ क्या हैं आरोप?
लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया थाने में बहराइच जिले के नानपारा क्षेत्र बंजारन टांडा निवासी जगजीत सिंह ने आशीष और कुछ अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया है.
तिकुनिया थाने में आशीष और अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 147 (उपद्रव), 148 (घातक अस्त्र का प्रयोग), 149 (भीड़ हिंसा), 279 (सार्वजनिक स्थल पर वाहन से मानव जीवन के लिए संकट पैदा करना), 338 (दूसरों के जीवन के लिए संकट पैदा करना), 304 ए (किसी की असावधानी से किसी की मौत होना), 302 (हत्या) और 120 बी (साजिश रचने) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
मामले की तहरीर में कहा गया कि 3 अक्टूबर को क्षेत्रवासी किसान और मजदूर (केंद्रीय गृह राज्य मंत्री) अजय कुमार मिश्रा और यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ काले झंडे दिखाने के लिए महाराजा अग्रसेन इंटर कॉलेज क्रीड़ा स्थल, तिकुनिया, खीरी में शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे और तभी आशीष (निवासी बनबीरपुर, निघासन, खीरी) और 15-20 अज्ञात और सशस्त्र लोग तीन चार पहिया वाहनों पर सवार होकर बनवीरपुर से सभास्थल की तरफ तेज गति से आए. आरोप लगाया गया है कि आशीष अपने वाहन में बायीं सीट पर बैठकर गोलीबारी करते हुए और भीड़ को रौंदते हुए आगे बढ़े.
हालांकि, इस मामले में आशीष मिश्रा ने मीडिया के सामने दावा किया था कि घटना के वक्त वह काफिले की गाड़ियों में मौजूद नहीं थे. इसके साथ ही आशीष ने दावा किया था, ”हमारे कार्यकर्ता डिप्टी सीएम को रिसीव करने जा रहे थे, जैसे ही वो लोग तिकुनिया से निकले, तो अपने आप को किसान कहने वालों ने आक्रमण कर दिया.”
(न्यूज एजेंसी भाषा के इनपुट्स के साथ)
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