समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद्म विभूषण (मरणोपरांत) से सम्मानित किया. बुधवार को यह पुरस्कार ‘नेताजी’ के बेटे और सपा चीफ अखिलेश यादव ने राष्ट्रपति भवन में ग्रहण किया. इस दौरान अखिलेश के साथ उनकी पत्नी और मैनपुरी सांसद डिंपल भी मौजूद रहीं.
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ऐसा था नजारा
पिता के नाम पर मिला सम्मान लेने अखिलेश यादव जब राष्ट्रपति भवन पहुंचे तो रोचक नजारा भी देखने को मिला. जब अखिलेश यादव का नाम पुकारा गया, तो वह अपनी जगह से उठे और प्रोटोकॉल के मुताबिक आगे बढ़े. इस दौरान वह सबका अभिवादन करते जा रहे थे, तभी सामने की पंक्ति में बैठे पीएम मोदी से उनकी नजरें मिलीं. पीएम मोदी संग लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, गृहमंत्री अमित शाह समेत अन्य नेता भी बैठे थे. अखिलेश यादव ने पीएम मोदी समेत सभी नेताओं को अभिवादन करते हुए नमस्कार किया. पीएम मोदी ने भी उनके अभिवादन का जवाब देते हुए नमस्कार किया. इसके बाद अखिलेश यादव आगे बढ़कर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास पहुंचे और उन्हें अभिवादन किया. राष्ट्रपति ने अखिलेश यादव के हाथ में उनके पिता मुलायम सिंह यादव का पद्म विभूषण सम्मान सौंप दिया.
मुलायम को भारत रत्न देने की उठ चुकी है मांग
आपको बता दें कि जब मुलायम को मरणोपरांत पद्म विभूषण देने की घोषणा हुई थी, तब सपा नेताओं ने ‘नेताजी’ को भारत रत्न देने की मांग उठा दी थी. तब समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य ने आरोप लगाया था कि पद्म विभूषण देकर मुलायम सिंह यादव के योगदान का उपहास किया गया है. मौर्य ने उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग की थी.
केंद्र सरकार ने इसी साल गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर घोषित पद्म पुरस्कारों के तहत पद्म विभूषण अवार्ड के लिए सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के नाम का ऐलान किया था.
मुलायम का पिछले साल हुआ था निधन
गौरतलब है कि पिछले साल 10 अक्टूबर को मुलायम सिंह यादव का 82 साल की उम्र में निधन हो गया था. उन्होंने गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली थी. वह लंबे समय से बीमार थे.
बता दें कि पद्म सम्मान देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक हैं और यह तीन श्रेणियों- पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री में प्रदान किए जाते हैं.
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