गौरतलब है कि सपा के विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य ने 22 जनवरी को कहा था कि श्रीरामचरितमानस की कुछ पंक्तियों में जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर यदि समाज के किसी वर्ग का अपमान हुआ है तो निश्चित रूप से वह ‘‘धर्म नहीं अधर्म’’ है.
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मौर्य ने कहा था, ‘‘श्रीरामचरित मानस की कुछ पंक्तियों में ‘तेली’ और ‘कुम्हार’ जैसी जातियों के नामों का उल्लेख है, जो इन जातियों के लाखों लोगों की भावनाओं को आहत करती हैं.’’
मौर्य ने मांग की थी कि पुस्तक के ऐसे हिस्से पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए जो किसी की जाति या ऐसे किसी चिह्न के आधार पर किसी का अपमान करते हैं.
कानपुर देहात की घटना पर भी दी प्रतिक्रिया
कानपुर देहात जिले में अतिक्रमण हटाए जाने के दौरान मां-बेटी की मौत मामले पर बीजेपी सांसद ने कहा कि किसी भी अधिकारी ने गलत कार्रवाई की है तो निश्चित रूप से उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. किसी को भी प्रताड़ित करने का कोई अधिकार नहीं है.
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