केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने मांग की है कि लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ताओं के परिवारों को 50-50 लाख रुपये का मुआवजा मिलना चाहिए.
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न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, टेनी ने 4 अक्टूबर को कहा, ”मैं मांग करता हूं कि कल मारे गए हर एक बीजेपी कार्यकर्ता के परिवार को 50 लाख रुपये दिए जाएं. मामले की या तो सीबीआई, एसआईटी या किसी मौजूदा/सेवानिवृत्त जज द्वारा जांच की जानी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.”
3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया इलाके में हुई हिंसा को लेकर उन्होंने कहा, ”बीजेपी कार्यकर्ताओं पर लाठियों और तलवारों से हमला किया गया और उनकी हत्या कर दी गई. वीडियो में दिख रहा है कि कुछ हमलावरों ने हमारे कार्यकर्ताओं से यह कहने को कहा कि मैंने उनसे किसानों को कुचलने के लिए कहा था.”
अपने बेटे आशीष मिश्रा पर लगे आरोपों को लेकर टेनी ने कहा, ”मेरे बेटे पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार हैं. अगर वह वहां होता तो उसकी हत्या कर दी जाती.”
हिंसा की यह घटना तिकुनिया से 4 किलोमीटर दूर टेनी के पैतृक गांव बनवीरपुर में आयोजित कुश्ती कार्यक्रम में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के पहुंचने से पहले हुई.
संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक, प्रदर्शनकारी किसान केशव प्रसाद मौर्य के कार्यक्रम का शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे थे. मोर्चा ने आरोप लगाया है कि अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के गाड़ियों के काफिले ने किसानों को रौंदा और फायरिंग भी की गई. बताया जा रहा है कि यह काफिला डिप्टी सीएम को रिसीव करने के लिए आ रहा था.
इस मामले में आशीष मिश्रा ने दावा किया है कि घटना के वक्त वह काफिले की गाड़ियों में मौजूद नहीं थे. इसके साथ ही आशीष ने दावा किया है, ”हमारे कार्यकर्ता डिप्टी सीएम को रिसीव करने जा रहे थे, जैसे ही वो लोग तिकुनिया से निकले, तो अपने आप को किसान कहने वालों ने आक्रमण कर दिया.”
पत्रकार, किसान, BJP कार्यकर्ता… लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए 8 लोग कौन थे?
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