यूपी पुलिस की मोस्ट वांटेड लिस्ट के वे 29 इनामी बदमाश, जिनको पकड़ना सबसे बड़ी चुनौती बनी

संतोष शर्मा

• 04:05 PM • 17 Apr 2023

पुलिस हिरासत में ही सही लेकिन प्रयागराज में हुई माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या और उससे पहले बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी और…

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पुलिस हिरासत में ही सही लेकिन प्रयागराज में हुई माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या और उससे पहले बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी और चित्रकूट जेल में मेराज मुकीम काला और अंशु दीक्षित की हत्या से चर्चा तेज हुई कि यूपी में माफियाओं का अंत हो रहा है.  लेकिन सच्चाई इससे उलट है.

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यूपी पुलिस की मोस्ट वांटेड लिस्ट में 50 हजार से लेकर 5 लाख तक के 26 इनामी बदमाश ऐसे हैं, जो एक-दो साल से लेकर लगभग 10 सालों से फरार है. कई बदमाशों के बारे में तो पुलिस के पास तस्वीर के अलावा कोई सुराग तक नहीं है. कुल मिलाकर यूपी पुलिस को उमेश पाल हत्याकांड के शूटर समेत 29 इनामी बदमाशों की तलाश है.

जरा एक नजर यूपी के फरार चल रहे मोस्ट वांटेड बदमाशों पर डालते हैं-

यूपी पुलिस के मोस्ट वांटेड लिस्ट में 26 ऐसे बदमाश हैं, जिनकी गिरफ्तारी पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. इन बदमाशों की लिस्ट में 3 पर सर्वाधिक 5 लाख रुपये का इनाम है वो घोटालेबाज है. वह आम आदमी का पैसा लेकर फरार है और घोटालेबाजों में मास्टरमाइंड एक महिला भी है. उमेश पाल हत्याकांड के पांच लाख के नामी शूटर गुड्डू मुस्लिम, साबिर, अरमान को छोड़ दें तो जिन 4 पर 5-5 लाख रुपये का इनाम है उसमें सबसे पहले नाम दीप्ति बहल का है.

दीप्ति बहल

दीप्ति बहल गाजियाबाद की रहने वाली है. 4200 करोड़ के बाइक बोट घोटाले के मास्टरमाइंड संजय भाटी की पत्नी है. यूपी पुलिस को बीते 4 सालों से दीप्ति बहल की तलाश है. देशभर में बाइक बोट घोटाले की 100 से अधिक एफआईआर दर्ज हैं, जिनमें दीप्ति बहल भी नामजद है. दीप्ति बहल के साथ मेरठ का रहने वाला विजेंद्र सिंह हुड्डा और बुलंदशहर का भूदेव भी 5-5 लाख रुपये का इनामी है और यह दोनों भी बाइक बोट घोटाले में शामिल थे.

 

राशिद नसीम

लखनऊ के राशिद नसीम पर 50 हजार रुपये का इनाम है. लखनऊ, प्रयागराज समेत तमाम शहरों में शाइन सिटी के नाम से हाउसिंग सोसायटी से अरबों रुपये डकार कर फरार राशिद नसीम अब दुबई में रहता है. राशिद नसीम शाइन सिटी फ्रॉड केस का बड़ा मास्टरमाइंड है जिस पर लखनऊ से लेकर नोएडा, प्रयागराज, कानपुर में 300 से ज्यादा एफआईआर दर्ज हैं. 2 दर्जन से अधिक इसके घोटाले में शामिल लोग गिरफ्तार कर जेल जा चुके हैं, लेकिन राशिद नसीम नहीं पकड़ा जा सका.

बदन सिंह बद्दो

बदन सिंह बद्दो मेरठ का रहने वाला है. यूपी पुलिस ने बदन सिंह बद्दो पर ढाई लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा है. पुलिस कस्टडी में पेशी के दौरान बदन सिंह बद्दो ने पुलिस वालों को होटल में खाना खिलाया और उन्हें ऐसा ऐश कराया कि पुलिस खातिरदारी में मस्त हो गई और होटल से बदन सिंह ऐसा फरार हुआ कि आज तक पकड़ा नहीं जा सका.

चर्चा है कि बदन सिंह बद्दो यूरोप में छुप कर बैठा है. अपनी ग्लैमरस जिंदगी के लिए मशहूर बदन सिंह बद्दो सोशल मीडिया पर भी एक्टिव रहता है और यूपी पुलिस के अफसरों को लेकर पोस्ट लिखा करता है. लेकिन बदन सिंह बद्दो की गिरफ्तारी यूपी पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी है.

राघवेंद्र यादव

गोरखपुर के रहने वाले राघवेंद्र यादव पर ढाई लाख रुपये का इनाम है. 7 साल से फरार चल रहे राघवेंद्र यादव गोरखपुर रेंज में आतंक का दूसरा नाम है. 6 जनवरी, 2016 को राघवेंद्र ने गोरखपुर में दिनदहाड़े रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर जय हिंद यादव के भाई बलवंत और बेटे कौशल की हत्या कर दी. हत्याकांड के बाद केस में पैरवी नहीं करने की धमकी देकर चला गया.

जय हिंद यादव ने केस की पैरवी शुरू की तो 10 अप्रैल 2018 को जय हिंद यादव को उसके बेटे नागेंद्र के साथ कचहरी से लौटते वक्त मौत के घाट उतार दिया. राघवेंद्र यादव गोरखपुर के झंगहा का रहने वाला है. 7 साल से फरार राघवेंद्र यादव की यूपी पुलिस को तलाश है, लेकिन उसका सुराग तक नहीं लग पाया है.

अतीक उर रहमान, बाबू और सिकंदर

मुख्तार का करीबी रिश्तेदार और शार्प शूटर अतीक उर रहमान और बाबू यूपी पुलिस को साल 2001 से तलाश है। 22 सालों से अतीक उर रहमान और बाबू पर सीबीआई ने 200000 का इनाम घोषित कर रखा है. कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी अतीक उर रहमान बाबू का नाम आया, लेकिन वह पकड़ा नहीं जा सका.

अतीक उर रहमान बाबू की यूपी पुलिस के पास एक बहुत पुरानी तस्वीर है, जो दो दशक पुरानी तस्वीर है. इसके अलावा पुलिस के पास उसका कोई सुराग नहीं है. कहते हैं कि मुख्तार अंसारी के इशारे पर एक गोली से जिन लोगों की हत्याएं हुई हैं उस में बाबू का ही हाथ माना गया है. सिंगल शॉट मर्डर का एक्सपर्ट अतीक उर रहमान बाबू माना जाता है.

शहाबुद्दीन

गाजीपुर का रहने वाला शहाबुद्दीन भी मुख्तार अंसारी का ही शूटर बताया जाता है. अतीकउर रहमान बाबू की तरह शाहबुद्दीन पर भी सीबीआई ने 2लाख का इनाम घोषित कर रखा है. शहाबुद्दीन पर 3 दर्जन से अधिक हत्या, हत्या का प्रयास, लूट रंगदारी वसूली के मुकदमे दर्ज हैं.

पुलिस विभाग में चर्चा है कि शहाबुद्दीन कृष्णानंद राय हत्याकांड के बाद नेपाल भाग गया था और नेपाल से दाऊद गैंग से जुड़ने के बाद कुछ वक्त के लिए पाकिस्तान गया. लेकिन अब वह वापस हिंदुस्तान में अज्ञात जगह पर छिप कर रहा है लेकिन पुलिस को उसका पता नहीं चल पा रहा.

विश्वास नेपाली

विश्वास नेपाली 50000 का इनामी मुख्तार गैंग का शूटर है. कृष्णानंद राय हत्याकांड में विश्वास नेपाली भी शामिल था. वाराणसी पुलिस को विश्वास नेपाली की तलाश है लेकिन वो नेपाल में छिपकर ट्रांसपोर्ट का बिजनेस कर रहा है. अपनी राजनीतिक पहुंच के चलते विश्वास नेपाली की गिरफ्तारी नहीं हो पा रही.

पिंटू उर्फ रूद्रेश उपाध्याय

भदोही के रहने वाला पिंटू उर्फ रूद्रेश उपाध्याय पर 50,000 रुपये का इनाम है. बीते 8 सालों से पिंटू उपाध्याय की यूपी पुलिस को तलाश है. 2014 में भदोही के गोपीगंज इलाके में तिहरा हत्याकांड को अंजाम देने के बाद पिंटू उपाध्याय चर्चा में आया. भाड़े पर हत्या करने वाला पिंटू उपाध्याय 2015 से फरार है.

मनीष सिंह

वाराणसी का रहने वाला मनीष सिंह 50000 का इनामी है. बृजेश सिंह गैंग का शार्प शूटर मनीष सिंह की यूपी पुलिस को डेढ़ दशक से तलाश है. मनीष सिंह को लेकर यूपी पुलिस के पास कोई जानकारी नहीं है. बस यही कहा जाता है कि बृजेश सिंह गैंग को मनीष सिंह ही ऑपरेट करता है.

सुनील यादव

सुनील यादव वाराणसी पुलिस का 50000 का इनामी है. मुन्ना बजरंगी का करीबी रहा सुनील यादव उस समय चर्चा में आया जब साल 2011 में इसने अपने दो साथियों के साथ मिलकर डिप्टी जेलर अनिल त्यागी की हत्या कर दी. साल 2011 से सुनील यादव की यूपी पुलिस को तलाश है.

अजीम अहमद उर्फ अजीम खान

अजीम अहमद उर्फ अजीम खान वाराणसी के मडुवाडीह थाने का हिस्ट्रीशीटर 50,000 का इनामी है. बताया जाता है कि जरायम की दुनिया में अजीम अहमद को डॉक्टर के नाम से जानते हैं. आरपीएफ में कॉन्स्टेबल पिता का बेटा अजीम अहमद रंगदारी नहीं देने पर हत्या करने के लिए कुख्यात है.

साल 2012 में मार्बल कारोबारी सुशील सिंह ने रंगदारी नहीं दी तो हत्या कर दी और अगले ही दिन इसमें एक अन्य कारोबारी से रंगदारी वसूली की. अब तक अजीम अहमद के 3 साथी पुलिस एनकाउंटर में मारे गए. लेकिन बीते 12 सालों से अजीम खान की यूपी पुलिस को तलाश है.

संजीव नाला

संजीव नाला मुजफ्फरनगर पुलिस का 50000 का इनामी है. संजीव नाला ने पश्चिम उत्तर प्रदेश से लेकर हरियाणा और राजस्थान में तक अपना नेटवर्क फैला रखा है. संजीव नाला पर हत्या, हत्या का प्रयास, रंगदारी वसूली, मारपीट,जानलेवा हमला समेत कई गंभीर धारा में 65 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं.

सुधीर महाकार सिंह

सुधीर उर्फ़ महाकार सिंह सहारनपुर का 50000 का इनामी है. हत्या के मामले में फरार चल रहे सुधीर महाकार सिंह की तलाश में यूपी पुलिस बीते 8 सालों से परेशान है. पुलिस की टीमों को शक है कि सुधीर सिंह ने हरियाणा में शरण ले रखी है लेकिन वह मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है और ना ही मुजफ्फरनगर सहारनपुर देवबंद में अपने किसी भी व्यक्ति के संपर्क में है, जिसकी वजह से उसकी सुराग नहीं मिल पा रहा.

दिनेश कुमार सिंह

रायबरेली के रहने वाले दिनेश कुमार सिंह 1.5 लाख रुपये का इनामी है. साल 2017 में आजीवन कारावास की सजा काट रहा दिनेश सिंह पैरोल पर जेल से निकला तब से वापस नहीं आया. बीते 8 सालों से दिनेश कुमार सिंह की तलाश में रायबरेली पुलिस हलकान है, लेकिन उसका कोई सुराग हाथ नहीं लगा है.

कई अन्य बदमाशों की भी तलाश जारी

इन बदमाशों के अलावा यूपी पुलिस को जिनकी तलाश है उसमें राम चरण बौरा 3 लाख का इनामी बाराबंकी कराने वाला है.  2 लाख का इनामी सुमित हत्या लूट डकैती के 30 से अधिक मुकदमा में वांटेड चल रहा है. हरीश 2 लाख का इनामी मुजफ्फरनगर का रहने वाला है. हरीश पर हत्या लूट के 30 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं. चर्चा है कि हरीश हरियाणा और दिल्ली में अपना बेस बनाकर छिपकर रहा है.

गाजीपुर पुलिस का 50,000 का इनामी शिवा बिंद उर्फ शिव शंकर सिंह है. लखनऊ पुलिस का 50,000 का इनामी आफताब आलम है.  कौशांबी पुलिस का 50,000 का इनामी बाहर उर्फ बहारुद्दीन है. आगरा पुलिस का 50,000 का इनामी राम नरेश ठाकुर है. लखनऊ पुलिस का 50,000 का इनामी सलीम उर्फ मुख्तार शेख है. बुलंदशहर का इनामी 50,000 का नाम विनोद कुमार शामिल है.

इन 26 इनामी बदमाशों की लिस्ट है जिनकी तलाश यूपी पुलिस को है. अब अगर हम इन 26 इनामी में उमेश पाल हत्याकांड के फरार चल रहे शूटर गुड्डू मुस्लिम, अरमान और साबिर को भी जोड़ लेंगे तो इसकी संख्या 29 होती है. यानी यूपी पुलिस की मोस्ट वांटेड लिस्ट में 5 लाख से 50,000 तक के 29 इनामी ऐसे हैं जिनकी तलाश में यूपी पुलिस सालों से खाक छान रही है, लेकिन किसी का कोई सुराग हाथ नहीं लग पा रहा.

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