केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी नेता अमित शाह ने आगामी यूपी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 22 जनवरी को मेरठ में ‘प्रभावी मतदाता संवाद कार्यक्रम’ को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा.
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शाह ने कहा, ”एसपी, बीएसपी और कांग्रेस के सांसदों ने अनुच्छेद 370 हटाने के विरोध में वोट किया था, क्योंकि उन्हें अपना वोट बैंक प्यारा है, लेकिन हमने अनुच्छेद 370 को उखाड़कर फेंक दिया, क्योंकि हमें अपने देश से प्यार है.”
उन्होंने कहा,
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”2017 में आपने यूपी में जो परिवर्तन किया, उसने उत्तर प्रदेश को देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना दिया. इस परिवर्तन को जारी रखना है.
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”यूपी के मतदाताओं से कहना चाहता हूं कि किसी व्यक्ति को एमएलए, मंत्री या मुख्यमंत्री बनाने के लिए ही वोट मत दीजिएगा.”
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”प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में हर गरीब को सुख मिले, हर व्यक्ति को न्याय मिले, सबका विकास हो, ये समझकर वोट कीजिए.”
इसके अलावा अमित शाह ने मेरठ में कहा, ”मैं अभी-अभी कैराना से आ रहा हूं. मैं वहां 2013 में भी गया था और 2014 में भी गया था, तब लोगों की आंखों में भय था, आशंकाएं थी, पलायन हो रहा था. आज उन्हीं परिवारों के घर में चाय पीकर उनके चेहरे पर प्रसन्नता और शांति देखकर मुझे बड़ा सुकून मिला. ये जो परिवर्तन आया है, ये कोई छोटा परिवर्तन नहीं था.”
उन्होंने कहा, ”एक समय यहां पर गुंडों का राज चलता था, गुंडों के आने के समाचार मिलते ही कप्तान पलायन कर जाते थे, लेकिन आज ये परिवर्तन आया है कि पुलिस के आने से गुंडे पलायन कर जाते हैं. ये जो कानून का शासन आया है, यही उत्तर प्रदेश के विकास की नींव है. किसी भी राज्य के विकास की पहली शर्त है कि वहां कानून व्यवस्था अच्छी हो.”
शाह ने कहा, ”जो लोग जातिवाद की, तुष्टीकरण की राजनीति करते हैं, वोट बैंक के लिए माफियाओं, गुंडों को खुली छूट देते हैं वो लोग यूपी में विकास नहीं कर सकते.”
उन्होंने एसपी चीफ अखिलेश यादव को निशाने पर लेते हुए कहा, ”अखिलेश जी हमें बताएं कि आपकी सरकार ने किसानों से एमएसपी पर कितना गेहूं और चावल खरीदा? बीजेपी की सरकार ने यूपी के करीब-करीब हर किसान के गेहूं और चावल की एमएसपी पर खरीद की है. 86 लाख किसानों का करीब हमने 36 हजार करोड़ रुपये का ऋण माफ किया है.”
इसके अलावा शाह ने कहा,
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”प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत प्रदेश के लगभग 2.48 करोड़ किसानों को 32500 करोड़ रुपये अब तक हमारी सरकार दे चुकी है.”
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”बीजेपी की सरकार से पहले यहां जो सरकारें चली थीं, उनके समय 21 चीनी मिलें बंद हो गई थीं, सीबीआई के 12 मुकदमे दर्ज हैं. जबकि हमारी सरकार के कार्यकाल में एक भी चीनी मिल बंद नहीं हुई.”
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बीजेपी की सरकार आने से पहले 2-2 साल तक गन्ना किसान का भुगतान नहीं होता था. हमने सत्ता में आने के बाद रॉ शुगर के आयात पर ड्यूटी लगा दी, जिससे किसानों को चीनी का भाव ठीक होने से गन्ने का अच्छा भाव मिल सके.
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”हमने इथेनॉल के दाम में बढ़ोतरी की, जिससे चीनी मिलें ढंग से चल सकें. हमने 20 चीनी मिलों का आधुनिकीकरण और विस्तार किया.”
कैराना में अमित शाह बोले- ‘लोगों ने मुझे बताया कि पलायन कराने वाले अब पलायन कर गए’
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