उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के आखिरी चरण की वोटिंग के एक दिन बाद यानी 8 मार्च को समाजवादी पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने एग्जिट पोल को लेकर गंभीर आरोप लगाया है. साथ ही बीजेपी पर जमकर हमला बोला.
ADVERTISEMENT
अखिलेश ने कहा है, “जो जमीन पर चुनाव चला, वो भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ था. जनता के अंदर नाराजगी थी. ये जो कल एग्जिट पोल आए हैं, वो कहीं न कहीं परसेप्शन ये क्रिएट करना चाहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी जीत रही है, जिससे वो चोरी भी करें तो वो भी न पता लगे.”
उन्होंने कहा, “अगर हमने वोट दिया है, तो वोट को बचाने की भी हमारी जिम्मेदारी बनती है. अगर वोट नहीं गिना जाएगा तो लोकतंत्र कहां जाएगा? मैंने कई बार कहा कि उत्तर प्रदेश का चुनाव लोकतंत्र की आखिरी लड़ाई है, इसके बाद तो जनता को क्रांति करनी पड़ेगी, तभी बदलाव आएगा.”
एसपी चीफ ने कहा, “मैं पार्टी के लोगों से कहूंगा कि जब तक काउंटिंग न हो जाए, तब तक नजर रखें, लगातार निगरानी रखें कि कैसे वोट बचाया जा सकता है.”
उन्होंने कहा, “आप जानकारी कर लें, अगर कोई डीएम आपके जानकार हैं तो उन्होंने खुद बताया है कि प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री ने लखनऊ से फोन कर कहा है कि जहां भारतीय जनता पार्टी हार रही हो, वहां पर काउंटिंग स्लो हो और रात तक काउंटिंग लेकर जाइए.”
अखिलेश ने आरोप लगाया है कि वाराणसी में 3 ट्रक EVM लेकर जा रही थीं, एक ट्रक पकड़ी गई, जबकि दो भाग गईं. उन्होंने पूछा, “क्या वजह है कि बिना सुरक्षा के EVM मशीनों को ले जाया जा रहा है. बिना प्रत्याशी को जानकारी के आप EVM को एक जगह से दूसरी जगह नहीं ले जा सकते हैं. आखिर सुरक्षाबलों के साथ EVM मशीनें क्यों नहीं जा रही थीं.”
इसके अलावा एसपी चीफ अखिलेश ने 8 मार्च को ट्वीट कर कहा है, “आज से, अभी से हर युवा, हर मतदाता अगले 3 दिन तक मत की रक्षा के लिए मतगणना केंद्र की किलेबंदी कर दे और ढोल-मंजीरा लेकर आजादी के अफसाने गाए.”
अखिलेश यादव की प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगाए गए आरोपों पर बीजेपी का जवाब
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने 8 मार्च को ट्वीट कर एसपी चीफ अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए कहा है, “परिवारवाद के प्रतीक अखिलेश यादव का हार के भय से लोकतंत्र बचाने के लिए क्रांति की बात करना महज हास्यास्पद है. कथित परिवारवाद से लोकतंत्र को बचाने का काम केवल बीजेपी ही कर रही है.”
वहीं बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा है, “एग्जिट पोल के रुझान देखकर अखिलेश यादव जी का बदहवास हो जाना स्वाभाविक है. पहले उनका ओपिनियन पोल पर भरोसा नहीं था, अब एग्जिट पोल पर भरोसा नहीं है, मीडिया पर भरोसा नहीं है, प्रशासनिक मशीनरी पर भरोसा नहीं है, निर्वाचन आयोग पर भरोसा नहीं है, 10 मार्च को ईवीएम से भरोसा भी उठ जाएगा.”
UP चुनाव: एग्जिट पोल्स पर अखिलेश का बड़ा आरोप, बीजेपी को भी निशाने पर लिया
ADVERTISEMENT