उत्तर प्रदेश में हो रहे 2022 विधानसभा के चुनाव के पांचवें चरण में 27 फरवरी को वोट डाले जाएंगे. रविवार को उत्तर प्रदेश के अवध, बुंदेलखंड और तराई क्षेत्र के अयोध्या, चित्रकूट, गोंडा, बहराइच, श्रावस्ती और बाराबंकी सहित कुल 12 जिलों की 61 सीटों पर मतदान होगा. इन सीटों पर कुल 692 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, जिनके भाग्य का फैसला तकरीबन ढाई करोड़ मतदाता करेंगे. पांचवें चरण का चुनाव काफी अहम है. एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी के कई दिग्गज नेता चुनाव मैदान में है. दूसरी तरफ यह चरण समाजवादी पार्टी के लिए भी चुनाव काफी महत्वपूर्ण है.
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उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह सहित भाजपा के कई दिग्गज चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ विपक्ष की तरफ से अरविंद सिंह गोप, राजा भैया, पल्लवी पटेल और कृष्णा पटेल जैसे नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है.
आइए जानते हैं कि पांचवें चरण में ऐसे कौन-कौन से दिग्गज हैं, जिनकी साख दांव पर लगी हुई है
सिराथू से केशव प्रसाद मौर्य की प्रतिष्ठा दांव पर: उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले के सिराथू से सूबे के सर्वाधिक चर्चित सीटों में शुमार है. यहां से केशव प्रसाद मौर्य चुनाव मैदान में हैं. इनका मुकाबला अपना दल (कमेरावादी) और सपा गठबंधन के प्रत्याशी पल्लवी पटेल से है. केशव प्रसाद मौर्य 2012 में पहली बार सिराथू से विधानसभा चुनाव लड़कर विधायक चुने गए थे. सिराथू सीट पर इस बार उन्हें पल्लवी पटेल से तगड़ी टक्कर मिल रही है. वहीं काग्रेस प्रत्याशी सीमा देवी भी कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं. सिराथू सीट से बसपा ने मुंसब अली को अपना प्रत्याशी बनाया है.
मंझनपुर मे सपा के राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज ठोंक रहे हैं ताल: कौशांबी की मंझनपुर सीट से सपा के राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज चुनाव मैदान में हैं. इसलिए यह सीट भी काफी चर्चा में है और समाजवादी पार्टी के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का विषय बनी हुई है. इस सीट पर भाजपा ने लाल बहादुर को अपना प्रत्याशी बनाया है.अगर 2017 चुनाव की बात करें तो इस चुनाव में इंद्रजीत सरोज को भाजपा के लाल बहादुर ने करारी शिकस्त दी थी. इस सीट पर बसपा ने पेशे से डॉक्टर नीतू कनौजिया को उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस से जिला अध्यक्ष अरुण विद्यार्थी को टिकट दिया गया है. अरुण विद्यार्थी मंझनपुर विधानसभा में पूर्व विधायक रहे ईश्वर शरण विद्यार्थी के पुत्र हैं.
प्रयागराज पश्चिमी से डॉक्टर सिद्धार्थ नाथ सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर: प्रयागराज में होने वाले पांचवें चरण के इस चुनाव में योगी सरकार के दो -दो मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. शहर की पश्चिमी सीट से मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह हैं, जहां उनका मुकाबला सपा नेत्री ऋचा सिंह से है.पश्चिमी सीट पर बसपा ने गुलाम कादिर को अपना प्रत्याशी बनाया है और कांग्रेस ने तस्लीमुद्दीन सिद्दीकी को अपना उम्मीदवार बनाया है. इस सीट पर सीधी लड़ाई मंत्री बनाम छात्र नेता के बीच मानी जा रही है.
प्रयागराज दक्षिणी से नंद गोपाल नंदी की साख दांव पर: प्रयागराज दक्षिणी विधानसभा सीट से मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी की साख दांव पर लगी है. उनका मुकाबला सपा के उम्मीदवार रईस चंद शुक्ला से है. दक्षिण विधानसभा सीट की बात करें तो यहां पर कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी को बीजेपी ने दोबारा अपना प्रत्याशी बनाया है. यहां कांग्रेस ने अल्पना निषाद को अपना उम्मीदवार बनाया है. बसपा ने अधिवक्ता देवेंद्र सिंह नगरहा को अपना उम्मीदवार बनाया है.
अमेठी मे संजय सिंह की साख दांव पर
विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण में अमेठी जिले की चारों विधानसभा सीटों में इस बार सबसे हॉट सीट अमेठी विधानसभा मानी जा रही है. इस सीट से जहां एक ओर कद्दावर नेता डॉ0 संजय सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. वहीं सामूहिक दुष्कर्म के मामले में जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे यूपी की राजनीति के बड़े विवादित नेता गायत्री प्रसाद प्रजापति की पत्नी महराजी प्रजापति चुनाव मैदान मे हैं. संजय सिंह 33 साल बाद विधानसभा चुनाव में उतरे हैं. इससे पहले वह कांग्रेस के टिकट से 1980 से 1989 तक अमेठी से विधायक के साथ कई विभागों के मंत्री रह चुके हैं.
2009 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट से सुल्तानपुर से जीत हासिल की.बाद में कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा भेजा था. कार्यकाल खत्म होने से पहले वह जुलाई 2019 में कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए. इस बार भाजपा ने इनकी पहली पत्नी गरिमा सिंह का टिकट काट कर अपना प्रत्याशी बनाया है.
प्रतापगढ़ मे राजा भैया की प्रतिष्ठा दांव पर
प्रतापगढ़ में इस बार एक तरफ बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया हैं, तो वहीं कभी उनके शागिर्द रहे गुलशन यादव को समाजवादी पार्टी ने टिकट देकर मैदान में उतारा है. जहां कभी राजा भइया समाजवादी पार्टी के सपोर्ट से चुनाव निर्दल के रूप में लड़ते थे, तो वहीं 20 साल बाद सपा ने उम्मीदवार उतार कर स्थिति साफ कर दी है. लोगों का मानना है कि कांटे की टक्कर होगी, लेकिन इस बार जीत का अंतर बहुत कम होगा.
रामपुर खास में कांग्रेस की आराधना मिश्रा की प्रतिष्ठा दांव पर
प्रतापगढ़ की रामपुर खास सीट भी इस चुनाव में चर्चा के केंद्र में है.रामपुर खास विधानसभा से कांग्रेस विधान दल की नेता आराधना मिश्रा उर्फ मोना को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया है. तो वहीं भाजपा ने दुबारा नागेश प्रताप सिंह उर्फ छोटे सरकार को प्रत्याशी बना कर मैदान में उतारा है. जानकारों की मानें तो यहां भी कड़ी टक्कर के आसार हैं.
पट्टी विधानसभा में कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह चुनाव मैदान में
भाजपा ने प्रतापगढ़ के पट्टी विधानसभा से योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह को उम्मीदवार बनाया है.वहीं समाजवादी पार्टी ने तीसरी बार ददुआ डकैत के भतीजे पूर्व सांसद बालकुमार के बेटे राम सिंह पटेल को प्रत्याशी बनाया है. कैबिनेट मंत्री राजेंद्र सिंह को 2012 में 157 वोट से राम सिंह ने शिकस्त देकर विधायक बने थे. तो वही 2017 में 1407 वोटो से राजेंन्द्र सिंह विजयी हुए थे. इस बार भी इस सीट पर कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है.
प्रतापगढ़ सदर से कृष्णा पटेल चुनाव मैदान में
प्रतापगढ़ की सदर विधानसभा सीट की बात करें तो इस सीट पर केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की मां और अपना दल (कमेरावादी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल मैदान में है. हालांकि यह सीट पहले अपना दल के खाते में सीट थी और यह से विधायक राजकुमार पाल थे. लेकिन सपा ने यहां से कृष्णा पटेल को टिकट दे दिया. इसके बाद कृष्णा पटेल के लिए अनुप्रिया ने सीट छोड़ दी और भाजपा ने सीट वापस लेकर राजेन्द्र मौर्य को भाजपा से प्रत्याशी बनाया. यहां बहुजन समाजवादी पार्टी से आशुतोष त्रिपाठी और कांग्रेस पार्टी से डॉ नीरज त्रिपाठी चुनाव मैदान में हैं.
कैसरगंज से कैबिनेट मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा के बेटे लड़ रहे हैं चुनाव
बहराइच जिले की कैसरगंज विधान सभा सीट पर बीजेपी के तीन बार के विधायक व मौजूदा समय में योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा के बेटे गौरव वर्मा को बीजेपी ने मैदान में उतारा है. इस सीट से मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा की ही प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है, क्योंकि उनके बेटे उनकी आगे की विरासत को संभाल रहे हैं और उनके लिए यह परीक्षा की घड़ी है. इसी पर समाजवादी पार्टी ने आनंद यादव को चुनाव मैदान में उतारा है.जबकि कांग्रेस से गीता सिंह और बहुजन समाज पार्टी से बकाउल्लाह चुनाव मैदान में हैं.
बहराइच सदर से अनुपमा जायसवाल की साख दांव पर
बहराइच जिले की बहराइच सदर विधान सभा पर सपा व भाजपा के पूर्व मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर है.बीजेपी से इस बार मौजूदा विधायक व योगी सरकार में बेशक शिक्षा विभाग की स्वतंत्र प्रभार की मंत्री रही अनुपमा जायसवाल को दूसरी बार भी पार्टी ने मैदान में उतारा है. दूसरी ओर इस सीट पर पर सपा ने अखिलेश सरकार में मंत्री रहे याशर शाह को चुनाव मैदान में उतारा है. याशर शाह मौजूदा समय में बहराइच की मटेरा विधान सभा से विधायक हैं. लेकिन इस बार समाजवादी पार्टी ने उन्हें बहराइच सदर सीट से मैदान में उतारा है. इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी ने नईम खान को चुनाव मैदान में उतारा है.
मनकापुर में रमापति शास्त्री की साख दांव पर
गोंडा के मनकापुर विधानसभा सीट पर वरिष्ठ भाजपा नेता व प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. रमापति शास्त्री एक कद्दावर नेता माने जाते हैं और अब तक सात बार विधायक रह चुके हैं. इस सीट पर रमापति शास्त्री को सपा प्रत्याशी पूर्व विधायक रमेश गौतम टक्कर दे रहे हैं. उन्होंने बहुजन समाज पार्टी छोड़कर समाजवादी पार्टी ज्वाइन की थी.
दरियाबाद से सपा के अरविंद सिंह गोप की प्रतिष्ठा दांव पर
बाराबंकी जिले की दरियाबाद विधानसभा इस बार हॉट सीट बन चुकी है.यहां से सपा के दिग्गज नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे अरविंद सिंह गोप चुनाव मैदान मे हैं. इसी पर अरविंद सिंह गोप का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा विधायक और प्रत्याशी सतीश शर्मा से है. वहीं जिले की वीवीआइपी सीट ज़ैदपुर विधानसभा में भी कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पी एल पुनिया के बेटे तनुज पुनिया की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है.तनुज प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता हैं. यहां इनका मुकाबला सपा एमएलए और प्रत्याशी गौरव रावत और भाजपा के अंबरीष रावत से है.
(प्रयागराज से पंकज श्रीवास्तव, कौशांबी से अखिलेश,बहराइच से रामबरन चौधरी, बाराबंकी से रेहान मुस्तफा, गोंडा से अंचल, प्रतापगढ़ से सुनील और अमेठी से आलोक श्रीवास्तव के इनपुट के साथ)
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