बड़े भाई अवधेश राय की हत्या में मुख्तार को हुई सजा, अजय राय ने कोर्ट की चौखट पर रख दिया सिर
सोमवार को वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 1991 में हुए अवधेश राय हत्याकांड में बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी को दोषी ठहराया. इस हत्यकांड के लिए…
ADVERTISEMENT
सोमवार को वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 1991 में हुए अवधेश राय हत्याकांड में बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी को दोषी ठहराया. इस हत्यकांड के लिए मुख्तार अंसारी को उम्र कैद की सजा सुनाई गई. साथ ही, अदालत ने मुख्तार अंसारी पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. कोर्ट का फैसला आते ही अवधेश राय के छोटे भाई और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय राय अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाए.
अजय राय ने कोर्ट की चौखट पर अपना सिर झुकाते हुए इस फैसले के प्रति सम्मान, आदर दिखाते हुए शुक्रिया अदा किया.
अजय राय ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा,
यह भी पढ़ें...
ADVERTISEMENT
‘यह हमारे कई वर्षों के इंतजार का अंत है, मैंने, मेरे माता-पिता, मेरे भाई की बेटी और पूरे परिवार ने सब्र रखा था और हम मुख्तार अंसारी के आगे नहीं झुके. सरकारें आईं और गईं और मुख्तार ने खुद को मजबूत किया, लेकिन हमने हार नहीं मानी. आज अदालत ने मुख्तार को मेरे भाई की हत्या के मामले में दोषी ठहराया है.’
अजय राय ने कहा,’मैं अदालत के फैसले का स्वागत करता हूं. जो माफिया के खिलाफ खड़े होंगे और लड़ेंगे उन्हें न्याय मिलेगा. हमें धमकियां मिली थीं. मैं सुरक्षा की मांग कर रहा हूं और इसे बढ़ाया जाना चाहिए. अगर मुझे कुछ होता है, तो भाजपा सरकार जिम्मेदार होगी.’
32 साल पहले हुए हत्याकांड में मुख्तार अंसारी के सजा के लिए मैंने और मेरे परिवार ने 32 साल का इंतजार किया है।
आज सत्य की जीत हुई है!
मैं न्यायपालिका को दंडवत प्रणाम कर धन्यवाद देता हूँ !
सत्यमेव जयते 🇮🇳 pic.twitter.com/gtYt9ddTh6
— Ajay Rai🇮🇳 (@kashikirai) June 5, 2023
ADVERTISEMENT
आपको बता दें कि अवधेश राय के भाई अजय राय वाराणसी से पांच बार विधायक रहे हैं. वह कोलसला विधानसभा क्षेत्र से 1996 से 2007 (तीन बार) तक भाजपा विधायक रहे. उन्होंने 2009 के विधानसभा उपचुनाव में उसी सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की. उन्होंने 2012 के विधानसभा चुनाव में पिंडरा सीट से कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की थी.
अजय राय 2014 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी से कांग्रेस के उम्मीदवार थे और वह अरविंद केजरीवाल के बाद तीसरे स्थान पर रहे, जबकि भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने इस चुनाव में जीत हासिल की थी.
भाई को बचाने के लिए अजय राय ने चलाई थीं गोलियां
आपको बता दें कि 3 अगस्त 1991 को अवधेश राय की हत्या हुई थी. अजय राय और उनके भाई घर वाराणसी स्थित अपने घर के दरवाजे पर खड़े थे, तभी मुख्तार अंसारी सहित कुछ हमलावर वहां एक कार से पहुंचे और अवधेश को गोली मार दी. अजय राय ने जवाबी कार्रवाई में अपनी लाइसेंसी पिस्तौल से गोली चलाई थी, जिसके बाद हमलावर कार छोड़कर फरार हो गए. इसके बाद अवधेश को कबीरचौरा के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
ADVERTISEMENT
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
ADVERTISEMENT