20 मिनट के भीतर होगा काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का PM मोदी के हाथों लोकार्पण, ये है शुभ मुहूर्त

रोशन जायसवाल

ADVERTISEMENT

UPTAK
social share
google news

आज न केवल देश, बल्कि पूरी दुनिया के सनातनियों और शिव भक्तों में दो साल से भी ऊपर की कड़ी मेहनत से बनकर तैयार काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को लेकर उत्सुकता है कि आखिर कब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 दिसंबर को इस धाम को जनता को समर्पित करेंगे?

यूपी तक को जो खास जानकारी मिली है उसके मुताबिक, 13 दिसंबर को 20 मिनट के भीतर ही विश्वनाथ धाम का पीएम के हाथों लोकार्पण होना है.

पीएम मोदी 13 दिसंबर को दोपहर 1 बजकर 37 मिनट से 1 बजकर 57 मिनट के बीच 20 मिनटों में अपने ड्रीम प्रोजेक्ट विश्वनाथ धाम का लोकार्पण मंदिर चौक के हिस्से में करके जनता को समर्पित कर देंगे.

यह तिथि और समय निकालने का काम किसी और ने नहीं, बल्कि उन्हीं काशी के श्री वल्लभराम शालिग्राम सांगवेद विद्यालय के विद्वानों ने किया है, जिन्होंने राम जन्मभूमि के भूमि पूजन और विश्वनाथ प्रांगण में मां अन्नपूर्णा के पुनर्स्थापना का मुहूर्त निकाला था.

मुहूर्त और विशेष संयोग के बारे में विद्यालय के अध्यक्ष विश्वेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने बताया, “13 दिसंबर की तारीख इसलिए उपयुक्त मिली, क्योंकि शुक्ल पक्ष में चंद्रमा की एक-एक कला बढ़ती रहती है. तिथियों के क्रम का भी तीन पर्याय होता है. उसमें तिथि पूर्ण मिली है और वार भी सोमवार का मिल गया.”

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

उन्होंने आगे कहा, “रेवती नक्षत्र है और सोमवार और रेवती नक्षत्र का योग मातंग योग बनता है. मातंग यानी हाथी. हाथी काफी बलवान होता है और हाथी मंगल और शुभ है. इसलिए राष्ट्र का कल्याण और विश्व का शांति होगी और चंद्रमा के बढ़ने से स्वास्थ्य भी बढ़ेगा. इसके साथ-साथ भार्गव मुहूर्त का भी संयोजन है. भार्गव मुहूर्त में उत्सव संबंधी काम करने चाहिए.

विश्वेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने बताया, “भार्गव मुहूर्त में दोपहर 1.37 से 1.57 बजे तक का 20 मिनट का काल यह किसी भी प्रकार से सारी आपदाओं से रक्षा करने वाला है. इस 20 मिनट में लोकार्पण का काम हो सकता है. जिसमें कहीं अनावरण, माल्यार्पण, शंख बजाना, दीप जलाना और उद्घोषणा तक होता है.”

इस प्रकार से पीएम मोदी गंगा मार्ग से आकर 5-10 मिनट पहले ही 1 बजकर 37 मिनट से पूर्व स्थिर हो जाएंगे और लोकापर्ण कार्य को 1.37-1.57 बजे के बीच संपन्न करेंगे. उसी अंतराल में काम होगा.

सिर्फ विश्वनाथ धाम के लोकार्पण की तिथि और मुहूर्त निकालना चुनौती भरा काम नहीं था, बल्कि धाम के निर्माण के दौरान हटाए गए विग्रहों का पुन: प्राण प्रतिष्ठा बगैर किसी दोष के करना भी टेढ़ी खीर थी. जिसको विद्यालय के ही परीक्षा अधिकारी गणेश्वर शास्त्री आचार्य ने किया.

ADVERTISEMENT

गणेश्वर शास्त्री आचार्य ने बताया, “देव मूर्तियों और शिव लिंगों की स्थापना थी. कई तरह की शांति और होम करके पुन: स्थापना मंत्रोच्चार के साथ किया गया और प्रतिष्ठा के विधान से विधिवत प्रतिष्ठा 9-10 दिसंबर को 22 विग्रहों को किया गया और आगे भी कई विग्रह हैं. जो आगे की सुविधानुसार होगा.”

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर: उद्घाटन के निमंत्रण पत्र पर मुगल आक्रांताओं का जिक्र, जानें वजह

ADVERTISEMENT

    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT