उत्तर प्रदेश के इस शहर से भारत के 'जेम्स बॉन्ड' अजीत डोभाल का है खास नाता, जानें पूरी कहानी
अजित डोभाल, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA), रणनीतिकार, खुफिया विशेषज्ञ और देश की सुरक्षा नीति के प्रमुख मार्गदर्शक हैं. उनकी सूझबूझ और अनुभव भारत को सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
ADVERTISEMENT
Ajit Doval News: भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल सुरक्षा तंत्र के उस चक्रव्यूह के महारथी हैं, जो बिना किसी शोर-शराबे के शत्रुओं की चालों को भेदने में सिद्धहस्त हैं. अगर भारत एक महाकाव्य है, तो डोभाल उस काव्य के कुशल सूत्रधार हैं, जो हर पंक्ति को सुरक्षित और प्रभावशाली बनाते हैं. डोभाल हिमालय की तरह अडिग और समुद्र की तरह गहराई वाले हैं. उनकी रणनीतियां सूर्य की पहली किरण जैसी सटीक होती हैं, जो अंधकार को छांटकर प्रकाश फैलाती हैं. वे भारतीय सुरक्षा के उस अदृश्य कवच की तरह हैं, जो हर खतरे को भांपकर उसे निष्प्रभावी बना देता है. आज आप इस खबर में देश के 'जेम्स बॉन्ड' अजीत डोभाल की पूरी कहानी जानिए.
आगरा के इस कॉलेज से डोभाल ने की है पढ़ाई
आपको बता दें कि अजीत डोभाल का जन्म 20 जनवरी 1945 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुआ था. उन्होंने अजमेर के मिलिट्री स्कूल और आगरा विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की. 1968 में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में केरल कैडर के अधिकारी के रूप में शामिल होने के बाद उन्होंने खुफिया एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) में लंबे समय तक सेवाएं दीं.
पाकिस्तान में अंडर कवर एजेंट के रूप में डोभाल ने किया काम
डोभाल अपनी रणनीतिक सोच और खुफिया संचालन में विशेषज्ञता के लिए विख्यात हैं. उन्होंने पाकिस्तान और उत्तर-पूर्वी राज्यों में अंडरकवर ऑपरेशन किए और कई आतंकवाद विरोधी अभियानों का नेतृत्व किया. 1980 के दशक में मिजोरम और पंजाब में शांति स्थापना में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही.
यह भी पढ़ें...
ADVERTISEMENT
2014 में बने देश के NSA
2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें NSA नियुक्त किया. डोभाल ने उरी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक और पुलवामा हमले के बाद बालाकोट एयरस्ट्राइक जैसी कार्रवाइयों में अहम भूमिका निभाई. वे भारत की सुरक्षा नीति को मजबूत बनाने और विदेश नीति को रणनीतिक दृष्टिकोण से दिशा देने में भी सक्रिय हैं. उनका नेतृत्व भारत के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति है और राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान अप्रतिम है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT