Krishna Janmashtami 2024: जन्माष्टमी पर ये उपाय बदल देंगे आपकी जिंदगी, जीवन में आएगी खुशहाली!

यूपी तक

ADVERTISEMENT

Krishna Janmashtami 2024
Krishna Janmashtami 2024
social share
google news

Krishna Janmashtami: जन्माष्टमी का पर्व भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के उपलक्ष्य में पूरे देश में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. जन्माष्टमी के दिन घरों में झाकियां सजाई जाती है, भजन-कीर्तन किए जाते हैं. कृष्ण भक्त व्रत कर, बाल गोपाल का भव्य श्रृंगार करते हैं और रात में 12 बजे रोहिणी नक्षत्र में कान्हा का जन्म कराया जाता है. बता दें कि इस साल इस साल कृष्ण जन्माष्टमी 26 और 27 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी. हालांकि अभी भी लोगों में शुभ मुहूर्त और तारीख को लेकर कंफ्यूजन बरकार है. इसे कंफ्यूजन को दूर करते हुए श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के प्रधान महंत रोहित शास्त्री ज्योतिषाचार्य ने  बताया कि  26 अगस्त के दिन और रात को अष्टमी तिथि के साथ-साथ रोहिणी नक्षत्र का संयोग रहेगा.

महंत रोहित शास्त्री ने बताया कि इस अवधि में सूर्य सिंह राशि में और चंद्रमा वृष राशि में स्थित होंगे. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन रात्रि 08 बजकर 46 मिनट के बाद हर्ष योग शुरू होगा. ज्योतिष शास्त्र में हर्ष योग को बेहद शुभ माना जाता है. मान्यता है कि इस योग में किए गए कार्यों में सफलता मिलती है, और जन्म-जन्मांतर के पुण्यसंचय से ऐसा योग प्राप्त होता है. इस पावन अवसर पर श्रीकृष्ण की पूजा अर्चना और व्रत करने से तीन जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है.

 

 

पूजन का शुभ मुहूर्त और विधि

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त 26 अगस्त की रात 11:59 बजे से 12:44 बजे तक का रहेगा, जिसे 'निशिता मुहूर्त' कहा जाता है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की बाल रूप में पूजा की जाती है और उनके चित्र को स्थापित करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है. पूजा के दौरान श्रीगणेश जी, देवकी, वासुदेव, बलदेव, नंद, यशोदा और लक्ष्मी माता का नाम लेना न भूलें. बालगोपाल को झूला झुलाने और मंदिरों में रासलीला का आयोजन करने की परंपरा भी इस दिन निभाई जाती है.

मथुरा सहित कई स्थानों पर जन्माष्टमी की भव्य झांकियां सजाई जाती हैं, जिन्हें देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं. इस दिन सभी मंदिर रात 12 बजे तक खुले रहते हैं, और ठीक मध्यरात्रि में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है. इसके बाद भक्त चरणामृत लेकर अपना व्रत खोलते हैं.

 

 

व्रत का विशेष महत्व

जन्माष्टमी के दिन व्रत रखने का विशेष महत्व है. इस साल, व्रत शुरू करने का समय अत्यंत शुभ माना जा रहा है. क्योंकि सप्तमी वृद्धा और नवमी वृद्धा का योग नहीं बन रहा है. इसलिए स्मार्त और वैष्णव दोनों के लिए 26 अगस्त का दिन ही व्रत रखने के लिए उत्तम है.

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT