रस्सी जल गई पर बल नहीं गया! सुनवाई के दौरान ठहाके मारकर हंसने लगा माफिया मुख्तार, ये थी वजह
‘रस्सी जल गई पर बल नहीं गया…’ ये कहावत माफिया मुख्तार अंसारी पर फिट बैठती है. ऐसा इसलिए क्योंकि आज माफिया मुख्तार अर्श से फर्श पर आ गया है. उसे लगतार उसके गुनाहों की सजा मिल रही है…
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Mukhtar Ansari News: ‘रस्सी जल गई पर बल नहीं गया…’ ये कहावत माफिया मुख्तार अंसारी पर फिट बैठती है. ऐसा इसलिए क्योंकि आज माफिया मुख्तार अर्श से फर्श पर आ गया है. उसे लगतार उसके गुनाहों की सजा मिल रही है. वह लगातार कोर्ट से अपनी सुरक्षा की मांग कर रहा है. पर बुधवार को इससे उलट मामला सामने आया.
हुआ यूं कि बाराबंकी में माफिया मुख्तार अंसारी की फर्जी एंबुलेंस मामले में बांदा जेल से वर्चुअल पेशी हुई. एमपी-एमएलए कोर्ट नंबर 4 में जज कमलकांत श्रीवास्तव के यहां सरकार बनाम मुख्तार अंसारी मामले में माफिया पेश हुआ. इसमें अभियोजन पक्ष के सरकारी गवाह और जमानत पर रिहा दारोगा बृजेश सिंह की गवाही हुई. इस दौरान मुख्तार अंसारी के वकील रणधीर सिंह सुमन ने क्रॉस सवाल करने शुरू किए तो अभियोजन पक्ष के गवाह बृजेश सिंह के पसीने छूट गए. इस कार्यवाही को देख रहा डॉन मुख्तार अंसारी अपनी मूछों पर ताव देता हुआ ठहाके मार कर हंसने लगा.
आपको बता दें कि बाराबंकी में गैंगेस्टर मामले में बाहुबली मुख्तार अंसारी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी हुई. इसमें जमानत पर रिहा दारोगा बृजेश सिंह की एमपी-एमएलए कोर्ट में अभियोजन पक्ष की तरफ से गवाही हुई. मुख्तार के वकीलों के क्रॉस एग्जामिनेशन से दारोगा बृजेश सिंह पसीना-पसीना हो गया. खबर है कि गवाह बृजेश को ‘घबराते’ देख माफिया खुश हो गया और वह अपनी मूंछों को ताव देने लगा.
मुख्तार के वकील रणधीर सिंह सुमन ने बताया कि मुकदमे की अगली तारीख 4 जनवरी है. गवाह बृजेश सिंह की जिरह पूरी हो गई है. अब अन्य एफआईआर लेखक की अगली गवाही 4 जनवरी को होगी. उन्होंने बताया कि आज पेशी के दौरान डॉ. अलका राय, शेषनाथ राय, आनंद यादव, राजनाथ पेश हुए. वहीं, बाकी लोगों की हाजिरी माफी दी गई.
क्या है ये मामला
आपको बता दें कि माफिया मुख्तार अंसारी पंजाब में जिस एंबुलेंस का इस्तेमाल पेशी और जेल जाने के लिए करता था, उसका पंजीकरण बाराबंकी में कथित रूप से फर्जी पते पर संभागीय विभाग से कराया गया था. इस मामले में 2022 में नगर कोतवाली में मुख्तार अंसारी समेत 12 लोगों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. वैसे मुख्तार कई बार कोर्ट में अपने आप को बेगुनाह बता चुका है. उसका कहना है कि ‘जब मैं 18 साल से जेल में बंद हूं तो गैंग कैसे बनाकर चला सकता हूं?’ मगर केस के जल्दी ट्रायल से माफिया मुख्तार घबराया हुआ भी है.
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