पापा मैं आपके लिए जमजम, खजूर लाऊंगा... मुख्तार और बेटे उमर अंसारी के बीच की आखिरी बात सुनिए
मुख्तार की मौत की खबर ने हर किसी को हैरान कर दिया है. इस बीच मुख्तार अंसारी और उसके बेटे उमर अंसारी के बीच आखिरी बातचीत क्या हुई थी, उसकी जानकारी सामने आई है.
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Mukhtar Ansari Death News: पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में आतंक का पर्याय बने गैंगस्टर-नेता मुख्तार अंसारी की गुरुवार को बांदा के एक अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. मुख्तार की मौत की खबर ने हर किसी को हैरान कर दिया है. इस बीच मुख्तार अंसारी और उसके बेटे उमर अंसारी के बीच आखिरी बातचीत क्या हुई थी, उसकी जानकारी सामने आई है. खबर में आगे जानिए दोनों ने आपस में क्या-क्या कहा था?
उमर अंसारी: "पापा, आप ठीक हैं?"
मुख्तार: "हां बाबू, हम ठीक हैं."
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उमर अंसारी: "बस अल्लाह ने बचा लिया...रमजान का पाक महीना चल रहा है."
मुख्तार अंसारी: "बेहोश टाइप हो जा रहे हैं...कमजोरी लग रही है."
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उमर अंसारी: "मैंने देखा न्यूज में आप कमजोर हो गए हैं. हम कोर्ट में हैं. मुलाकात की परमिशन करवा रहे हैं. दारोगा अंकल भी करवा रहे हैं. अगर परमिशन मिली तो आएंगे मिलने."
मुख्तार अंसारी: "हम बैठ नहीं पा रहे हैं. हम उठ नहीं पा रहे हैं."
उमर अंसारी: "जहर का असर दिख रहा है. सब जहर का असर है. हिम्मत कर के पापा फोन कर लिया कीजिए. आपकी आवाज सुनकर अच्छा लगा."
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मुख्यतार: "हां बाबू. बॉडी चली जाती है. रूह रह जाती है."
उमर अंसारी: "हिम्मत रखिए. अभी हज करना है. कोई और रहता तो मर गया होता अब तक."
मुख्तार: "हम खड़े नहीं हो पा रहे हैं. व्हील चेयर के सहारे पर हैं."
उमर: "जल्द आप सेहतमंद होंगे."
मुख्तार: "आज आए थे तो बेहोश हो गए."
उमर: "वॉशरूम जा रहे हैं या नहीं आप?"
मुख्तार अंसारी: "10 दिन से वॉशरूम नहीं हो पा रहा है."
उमर: "मैं आपके लिए जमजम लेकर आऊंगा...खजूर लेकर आऊंगा...फल लेकर आऊंगा."
पूरी बातचीत को यहां नीचे सुना जा सकता है-
अपराध की दुनिया से राजनीति में कदम
साल 1995 में मुख्तार अंसारी अपराध की दुनिया से मुख्यधारा की राजनीति में प्रवेश किया. 1996 में पहली बार मुख्तार अंसारी बसपा के टिकट पर यूपी के मऊ से विधायक चुना गया. उसके बाद मऊ विधानसभा से साल 2002 और 2007 के विधानसभा चुनाव में मुख्तार अंसारी बतौर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर विधायक चुना गया. नवंबर 2005 में बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की बीच सड़क पर दर्दनाक हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड का आरोप मुख्तार पर लगा था और पिछले साल इस मामले में मुख्तार दोषी भी करार दिया गया. 2012 में मुख्तार अंसारी और भाई अफजाल अंसारी ने कौमी एकता दल के नाम से पार्टी का गठन किया. 2012 के विधानसभा चुनाव में मुख्तार अंसारी कौमी एकता दल से मऊ सीट से लड़ा और जीता.
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