राहुल गांधी जिस हाथरस पीड़िता के परिवार से मिलने जा रहे हैं, आखिर 2020 में वहां क्या कांड हुआ था?

संतोष शर्मा

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Rahul Gandhi
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UP News: कांग्रेस नेता राहुल गांधी अचानक हाथरस के लिए रवाना हुए हैं. माना जा रहा है कि वह हाथरस की कथित रेप पीड़िता के परिजनों से मुलाकात करने जा रहे हैं. राहुल के इस दौरे से मूलगादी गांव और चंद्रपा थाना चर्चा में आ गया. दरअसल यहां 4 साल पहले एक दलित बेटी की मौत ने प्रदेश और देश में सियासी तूफान खड़ा कर दिया था. 

क्या हुआ था हाथरस में?

14 सितंबर 2020 को हाथरस के बूलगढ़ी गांव में 19 साल की दलित युवती घायल अवस्था में मिली. पीड़िता अपनी मां और भाई के साथ स्थानीय चंदपा थाने पहुंची. थाने में पीड़िता के भाई ने आरोप लगाया कि गांव के संदीप ने उसकी बहन के साथ गलत काम किया है. पीड़िता की बिगड़ती हालत देख उसे सीएचसी ले जाया गया, जहां से उसे अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जेएन मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया. 

पीड़ित परिवार ने लगाया ये आरोप

घटना के अगले दिन 15 सितंबर को फिर केस दर्ज करवाया गया. आरोप लगाया गया कि पीड़िता अपनी मां के साथ चारा काटने गई थी. तभी गांव के युवक संदीप ने आकर उसे घसीटा और गला दबाकर उसकी हत्या की कोशिश की. पुलिस ने भी इसे पारिवारिक विवाद बताया और दावा किया कि जल्द ही आरोपी की गिरफ्तारी की जाएगी.

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मामला तब तूल पकड़ा जब 5 दिन बाद 19 सितंबर को पीड़िता ने बयान दिया की संदीप के साथ दो अन्य लड़के भी थे. उसके साथ छेड़छाड़ भी की गई और उसकी जबान काट दी गई. पीड़िता के बयान के आधार पर पुलिस ने हत्या के प्रयास और छेड़छाड़ की धाराओं को बढ़ाया और मुख्य आरोपी संदीप को गिरफ्तार कर लिया. 

युवती की हो गई मौत

बेहतर इलाज के लिए पीड़िता को अलीगढ़ से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर किया गया. यहां इलाज के दौरान 29 सितंबर को उसकी मौत हो गई. आरोप लगाया गया कि दलित युवती का 4 युवकों ने गैंगरेप किया. इसके बाद इस घटना पर खूब सियासत हुई.
पुलिस ने सभी चार आरोपियों संदीप ठाकुर, लव कुश, रामू और रवि को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. कांग्रेस से लेकर भीम आर्मी और आम आदमी पार्टी के लोग हाथरस पहुंचने लगे, लेकिन मामला तब और बिगड़ गया जब पीड़िता का शव गांव पहुंचा तो अगले ही दिन सुबह 3 बजे पुलिस की मौजूदगी में घर वालों को दबाव में लेकर उसका रात के अंधेरे में अंतिम संस्कार करवा दिया गया.

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‘रेप की नहीं हुई पुष्टी’

पुलिस ने शुरुआती जांच में दावा किया की मेडिकल रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं है और ना ही पीड़िता की जीभ काटी गई. मामले ने तूल पकड़ा तो एसआईटी टीम का गठन कर दिया गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2 अक्टूबर को जांच रिपोर्ट के आधार पर एसपी हाथरस विक्रांत वीर डिप्टी एसपी और स्थानीय इंस्पेक्टर चंदपा को सस्पेंड कर दिया गया. अगले ही दिन इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दे दिए गए.

कोर्ट में गैंगरेप का आरोप सिद्ध नहीं हुआ

सीबीआई ने अलीगढ़ जेल में बंद चारों आरोपियों का पॉलीग्राफ और ब्रेन मैपिंग करवाई. 67 दिनों की जांच के बाद 18 दिसंबर 2020 को हाथरस के एससी एसटी कोर्ट में चारों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी थी. सीबीआई ने इस मामले में गैंगरेप और हत्या की धाराओं में चार्जसीट दाखिल की. सीबीआई ने इस मामले में 35 लोगों की गवाही करवाई.

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2 मार्च 2023 को कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद तीन आरोपियों लव, कुश और रामू रामकुमार रवि उर्फ रविंद्र सिंह को बरी कर दिया. इस मामले में एक अन्य आरोपी संदीप सिसोदिया को दोषी मानते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई. अदालत में सुनवाई के बाद आरोपी संदीप सिसोदिया पर गैर इरादान हत्या और एससी-एसटी एक्ट में दोषी माना. सुनवाई के बाद चारों आरोपी में किसी पर भी गैंगरेप का आरोप सिद्ध नहीं हुआ.

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