बुलडोजर न्याय पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, अगली सुनवाई तक नहीं गिराए जा सकेंगे घर! पूरा फैसला जानिए

यूपी तक

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Supreme Court on Bulldozer action in Uttar Pradesh
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Supreme Court on Bulldozer Justice in Uttar Pradesh: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश समेत दूसरे राज्य में प्राधिकारियों को उसकी इजाजत के बिना आपराधिक मामलों में आरोपियों की संपत्ति को ध्वस्त नहीं करने का निर्देश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने उन याचिकाओं पर सुनवाई की है जिनमें आरोप लगाया गया था कि कई राज्यों में आपराधिक मामलों में आरोपियों की संपत्तियों को ध्वस्त किया जा रहा है. 

जस्टिस बीआर गवई ने आदेश में कही ये बात

जस्टिस बीआर गवई ने अपने आदेश में कहा है कि सड़कों, गलियों, फुटपाथ या सार्वजनिक जगहों पर किए गए अवैध निर्माण को समुचित प्रक्रिया के साथ ढहाने की छूट रहेगी. इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि 'डिमोलिशन की कार्रवाई जहां हुई है, वहां कानूनी प्रकिया का पालन हुआ है. एक समुदाय विशेष को टारगेट करने का आरोप गलत है. गलत नेरेटिव फैलाया जा रहा है.'
 

इस नेरेटिव से हम प्रभावित नहीं हो रहे: जस्टिस गवई 

 

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सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के बयान पर जस्टिस गवई ने टिप्पणी करते हुए कहा कि 'इस नेरेटिव से हम प्रभावित नहीं हो रहे हैं.  हम ये साफ कर चुके हैं कि हम अवैध निर्माण को संरक्षण देने के पक्ष में नहीं हैं. हम एक्जीक्यूटिव जज नहीं बन सकते हैं. जरूरत है कि डिमोलिशन की प्रकिया स्ट्रीमलाइन हो.'

 

 

जस्टिस विश्वनाथन ने क्या कहा?

जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि 'कोर्ट के बाहर जो बातें हो रही हैं, वो हमें प्रभावित नहीं करती हैं. हम इस बहस में नहीं जाएंगे कि किसी खास समुदाय को टारगेट किया जा रहा है या नहीं. अगर गैरकानूनी डिमोलिशन का एक भी मसला है तो वो संविधान की भावना के खिलाफ है.' बताते चलें कि अब कोर्ट इस मामले में एक अक्तूबर को सुनवाई करेगा. तब तक बुलडोजर से लोगों के घर मकान ढहाने पर रोक रहेगी.

कांग्रेस ने किया फैसले का स्वागत

कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने कहा, "माननीय उच्चतम न्यायालय के बुलडोजर कार्रवाई के निर्णय का हम स्वागत करते हैं. आज माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए निर्णय से स्पष्ट हो गया है कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार संविधान विरोधी है.  असंवैधानिक कार्य कर रही थी और बुलडोजर का डर दिखाकर, जाति और धर्म देखकर कार्रवाई कर रही थी, जिस पर माननीय उच्चतम न्यायालय ने रोक लगाई है. उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार बेनकाब हो गई है. इनके पास जनता से जुड़े रोजगार, कानून व्यवस्था, महिला सुरक्षा, प्रदेश के विकास के नाम पर बोलने को कुछ नहीं है.'

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