जमींदोज इमारतें, मलबे में लाशें… तुर्की से लौटी NDRF टीम ने बयां किया आंखों देखा हाल

मयंक गौड़

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तुर्की में आए विनाशकारी भूकंप के चलते अब तक हजारों लोगों की मौत हो गई है. तुर्की की मदद के लिए दुनियाभर के देश सामने आए हैं. भारत ने भी अपना बचाव दल तुर्की भेजा था. भारत ने अपने भी ऑपरेशन दोस्त चलाया जिसके तहत तुर्की को हर संभव मदद की गई. साथ ही एनडीआरएफ की टीमें भी भेजी गई. वहीं रेस्क्यू के लिए तुर्की गई NDRF की टीम आज वापस भारत आ गई.

एनडीआरएफ की टीम तुर्की से वापस लौटी तो लोगों ने फूलमालाओं से टीम का अभिनंदन किया. इस दौरान टीम के सदस्यों के स्वास्थ्य की भी जांच की गई.

दरअसल, तुर्की में तापमान माइनस में था. ऐसे में टीम के लिए रेस्क्यू करना बेहद कठिन हो रहा था. बावजूद इसके एनडीआरएफ की टीम ने अभियान चलाकर लोगों की मदद की. यहां से एनडीआरएफ की डॉग स्क्वाड टीम भी तुर्की पहुंची थी, जिसमें गाजियाबाद एनडीआरएफ के दो खोजी कुत्ते शामिल थे, जिन्होंने ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाई. टीम के साथ वापस लौटने पर खोजी कुत्तों को भी माला पहनाकर लोगों ने स्वागत किया.

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बता दें कि गाजियाबाद स्थित 8th बटालियन एनडीआरएफ के 51 सदस्यों का दल रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए तुर्की गया था. तुर्की में एनडीआरएफ की टीम का नेतृत्व डिप्टी कमांडेंट दीपक तलवार ने किया.

दीपक तलवार का कहना है कि एपिक सेंटर पर गाजियाबाद  एनडीआरएफ की टीम ने 27 डेड बॉडी मलबे से निकाली थीं. यूपी तक से खास बातचीत में डिप्टी कमांडेंट दीपक तलवार का कहना है कि हमें एनडीआरएफ पर गर्व है, विषम परिस्थितियों में भी हमारी टीम ने अपना शत प्रतिशत दिया.भारत से एनडीआरएफ की तीन टीमें वहां गईं थीं. तीनों टीमों ने बेहतर काम किया है.उन्होंने बताया कि तुर्की में यहां की टीम के लिए सबसे बड़ी चुनौती मौसम था. जब हम वहां पहुंचे तो माइनस 7 डिग्री तापमान था. डिप्टी कमांडेंट दीपक तलवार ने कहा कि हमारी टीम के जवानों ने 30 मिनट में अपना कैंप लगा लिया. दीपक तलवार ने कहा कि तुर्की में भूकंप से तबाह हुई इमारतों में कई आठ मंजिला भवन भी थे, जिनके मलबे में दबे लोगों को निकालना खतरे से भरा था.

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