UP: जबरिया रिटायर किए जाएंगे सरकारी कर्मचारी? मुख्य सचिव की चिट्ठी वायरल, जानें क्या लिखा

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उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा (Durga Shankar Mishra) की ओर से जारी एक चिट्ठी की खूब चर्चा हो रही और ये सोशल मीडिया पर जमकर वायरल है. दरअसल, इस चिट्ठी में अनिवार्य सेवानिवृति के लिए स्क्रीनिंग का हवाला दिया गया है. चिट्ठी में कहा गया है कि अनिवार्य सेवानिवृति के लिए स्क्रीनिंग की कार्यवाही 31 जुलाई 2022 तक पूरी कर ली जाए. चिट्ठी के अनुसार, सभी विभागों से कहा गया है कि वे 50 साल से अधिक उम्र के कर्मचारियों की स्क्रीनिंग करें. 50 वर्ष की आयु के लिए कट ऑफ डेट 31 मार्च 2022 होगी. मुख्य सचिव की चिट्ठी के अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार 50 साल से अधिक उम्र के कर्मचारियों (चाहे वह अस्थायी हो या स्थायी) को नोटिस देकर, बिना कारण बताए उसे रिटायर कर सकती है.

पत्र में क्या लिखा है? यहां जानिए-

उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा के सामने आए पत्र में लिखा है कि नियुक्ति प्राधिकारी किसी भी समय, किसी भी सरकार सेवक को (चाहे वह अस्थायी हो या स्थायी) नोटिस देकर, बिना कारण बताए उसके 50 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेने के बाद सेवानिवृत हो जाने की अपेक्षा कर सकता है. ऐसे नोटिस की अवधि तीन महीने की होगी.

मुख्य सचिव ओर से सभी विभागों को जारी आदेश में ये भी कहा गया है कि 31 जुलाई 2022 तक स्क्रीनिंग की कार्रवाई पूरी कर ली जाए. साथ ही आदेश कहा गया है कि स्क्रीनिंग के बाद जिस कर्मचारी को एक बार सेवा में रखने का निर्णय ले लिया गया है, उसकी बार-बार स्क्रीनिंग नहीं होगी. ऐसे कर्मचारी को उसकी सेवानिवृत्ति की अवधि तक सेवा में रखा जाएगा.

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इसके पीछे क्या है सरकार का तर्क?

आपको बता दें कि सरकार अपने इस आदेश के पीछे सरकारी सेवाओं में दक्षता सुनिश्चित करने का तर्क दे रही है.

एक्सटेंशन पर काम कर रहे हैं दुर्गा शंकर मिश्रा

आपको बता दें कि वर्ष 1984 बैच के आईएएस अधिकारी दुर्गा शंकर मिश्रा ने आरके तिवारी की जगह ली थी. मिश्रा इससे पहले केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय में सचिव पद पर तैनात थे. वह 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो रहे थे मगर उन्हें एक वर्ष का सेवा विस्तार दिया गया है.

मिश्रा ने कहा कि वर्ष 2017 में जब योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का कार्यभार ग्रहण किया तब आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय से संबंधित कार्यों में उत्तर प्रदेश सबसे पीछे हुआ करता था लेकिन उसके बाद से स्थितियों में काफी सुधार आया है.

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