ज्ञानवापी मस्जिद में वजू और शौचालय को लेकर डीएम और मसाजिद कमेटी के दावे अलग-अलग

रोशन जायसवाल

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वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद का मामला एक बार फिर 11 महीनों के बाद आज उस समय चर्चा में आ गया जब वाराणसी के जिलाधिकारी, विश्वनाथ मंदिर प्रशासन, पुलिस अधिकारी सहित ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख की जिम्मेदारी निभाने वाली अंजुमन इंतजामिया मसाजिद (Anjuman Intezamia Masjid) कमेटी के लोग एक साथ ज्ञानवापी मस्जिद पहुंचे.

ऐसा इसलिए हुआ था, क्योंकि उच्चतम न्यायालय में मुस्लिम पक्ष रमजान माह के मद्देनजर ज्ञानवापी मस्जिद में वजू और शौचालय की उचित व्यवस्था कराने की की मांग को लेकर पहुंचा था. जिसपर कल सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी के जिलाधिकारी को एक बैठक बुलाकर आम समहति से समाधान निकालने का निर्देश दिया था. लेकिन आज ज्ञानवापी मस्जिद में हुई बैठक के बाद जहां एक ओर मसाजिद कमेटी ने कोर्ट के फैसले पर कहकर जवाब को टाल दिया तो वहीं जिलाधिकारी ने बताया कि सहमति बन गई है.

लगभग 11 महीनों के बाद एक बार फिर वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में सिल्ड वजूखाने को लेकर सरगर्मी तब बढ़ गई जब न केवल वाराणसी के जिलाधिकारी, पुलिस अधिकारी, मंदिर प्रशासन और मुस्लिम पक्ष से अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी उसी ज्ञानवापी मस्जिद पर एकजुट हुआ और बकायदा बैठक भी किया.

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लगभग एक घंटे तक जिलाधिकारी एस.राजलिंगम ने सभी के साथ बैठक की और मस्जिद का दौरा भी किया. इस दौरान विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद के आसपास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी देखे गए. बैठक से निकलकर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के ज्वाइंट सेक्रेटरी मो. यासीन बैठक से संतुष्ट नजर नहीं आए.

उन्होंने बताया कि बैठक का कुछ भी नतीजा नहीं निकला अब सुप्रीम कोर्ट जो आदेश देगा वही होगा. बैठक की सफलता के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह भी नहीं कह सकते हैं. यह डीएम के ऊपर है. अब सुप्रीम कोर्ट से जो आदेश आएगा वही होगा.

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वहीं, बैठक में नगर निगम की तरफ से अपर नगर आयुक्त सुनित कुमार ने बताया कि बैठक में वजू की व्यवस्था मांगी गई. जिसको लेकर नगर निगम वाराणसी ने मोबाइल टॉयलेट का सुझाव दिया. जिसपर सहमति बन रही है. उन्होंने उम्मीद जताया कि सहमति बन जाएगी.

वहीं, वाराणसी के जिलाधिकारी एस.राजलिंगन ने बताया कि फैसला मसाजिद कमेटी की सहमति से हो गया है, क्योंकि मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है, जो कुछ बैठक में निर्णय लिया गया है, उसको न्यायालय से अवगत करा दिया जाएगा. कमेटी की सहमति से व्यवस्था करा रहे हैं.

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उन्होंने बताया कि न्यायालय से कोई लिखित आदेश नहीं मिला, लेकिन जो भी प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे, सुप्रीम कोर्ट द्वारा कहा गया कि वजू की व्यवस्था करा दिया जाए और मोबाइल टॉयलेट रखने के लिए भी कंसर्ट करके निर्णय लिया जाए. उसी पर बातचीत हो गई है.

उन्होंने बताया कि काफी देर बातचीत हो गई है और सहमति भी बन चुकी है. मसाजिद कमेटी की तरफ से कोर्ट से ही निर्णय होने के सवाल पर जिलाधिकारी ने कहा कि उसपर वे टिप्पणी नहीं करेंगे. वजू और शौचालय पर व्यवस्था के सवाल पर डीएम ने बताया कि उसके बारे में कोर्ट को अवगत कराएंगे. 

मालूम हो कि पिछले 11 महीने से वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में स्थित वजूखाने को उस समय वाराणसी के ही जिला जज की अदालत के आदेश पर सील कर दिया गया था जब ज्ञानवापी मस्जिद में एडवोकेट कमीशन की कार्यवाही चल रही थी. उसी दौरान कथित रूप से ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग मिलने की बात सामने आई थी.

इसी कथित शिवलिंग के सुरक्षा की मांग को लेकर हिंदू पक्ष ने जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था. इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई निचली अदालत के आदेश को बरकरार कर दिया था. तभी से लगभग 11 महीने का वक्त बीत चुका है, लेकिन वजूखाना सील है.

इसी वजूखाने को लेकर रमजान के महीने का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट से मुस्लिम पक्ष की तरफ से ज्ञानवापी मस्जिद में वजू या शौचालय की व्यवस्था करने को लेकर जिला अधिकारी को कल निर्देश दिया था और आपसी सहमति से समाधान निकालने को भी कहा था. इसी के मद्देनजर आज वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में न केवल मुस्लिम पक्ष, बल्कि सभी स्टेकहोल्डर के साथ बैठक हुई.

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